1. ट्राइडेंट मिसाइल – 89.7 मिलियन डॉलर (लगभग ₹7.74 अरब)
यह अमेरिका की सबमरीन से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इसमें थर्मोन्यूक्लियर वारहेड लगाया जाता है। इसकी लंबाई 44 फीट और वजन करीब 80 टन है। अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह मिसाइल अमेरिका की रणनीतिक ताकत का बड़ा हिस्सा मानी जाती है। इसकी कीमत ही इसे दुनिया की सबसे महंगी मिसाइल बनाती है।
2. पैट्रियट मिसाइल – 3 मिलियन डॉलर (लगभग ₹26 करोड़)
यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसे अमेरिका ने 1981 में सेवा में शामिल किया था। खाड़ी युद्ध के दौरान इसका खूब प्रचार हुआ, लेकिन बाद में इसकी सफलता दर को लेकर विवाद भी खड़ा हुआ। वर्तमान में दुनिया के कई देश इसका इस्तेमाल करते हैं।
3. टॉमहॉक क्रूज मिसाइल – 2 मिलियन डॉलर (लगभग ₹17.2 करोड़)
अमेरिका की यह मिसाइल अपनी लंबी दूरी, कम ऊंचाई पर उड़ान और हर मौसम में संचालन क्षमता के लिए जानी जाती है। इसे सतह से सतह और समुद्र से सतह पर हमले के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं में प्रमुख हथियार के रूप में शामिल है।
4. मीडियम रेंज एयर-टू-सर्फेस क्रूज मिसाइल (MRASM) – (लगभग ₹4.8 करोड़)
यह मिसाइल अभी अमेरिका में ट्रायल फेज में है। यह एक प्रकार की एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल है, जो टॉमहॉक के छोटे और हल्के संस्करण के रूप में विकसित की जा रही है। इसकी रेंज अपेक्षाकृत कम है, लेकिन कीमत इसे सस्ते विकल्पों में शामिल करती है।
5. हाई स्पीड एंटी-रेडिएशन मिसाइल (HARM) – 284,000 डॉलर (लगभग ₹2.45 करोड़)
यह मिसाइल हवा से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल है, जिसका उपयोग दुश्मन के रडार सिस्टम को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल पहली बार खाड़ी युद्ध (1991) में हुआ था और इसके बाद से यह अमेरिका के हर बड़े सैन्य ऑपरेशन में शामिल रही है।
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