माता-पिता की सेवा अब छुट्टी की वजह
वर्तमान समय में बदलती जीवनशैली और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करना कई कर्मचारियों के लिए एक चुनौती बन चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार का यह कदम उन कर्मचारियों के लिए राहत की सांस है जो अपने माता-पिता के स्वास्थ्य और देखभाल को लेकर चिंतित रहते हैं। अब वे 30 दिन की अर्जित छुट्टी लेकर न केवल माता-पिता की सेवा कर सकेंगे, बल्कि निजी काम भी बिना तनाव के निपटा सकेंगे।
क्या कहते हैं नियम?
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा नियम, 1972 के तहत हर कर्मचारी को सालाना 30 दिन की अर्जित अवकाश का प्रावधान है। इसके अलावा: 20 दिन का अर्ध वेतन अवकाश (Half Pay Leave), 8 दिन की आकस्मिक छुट्टी (Casual Leave), 2 दिन का प्रतिबंधित अवकाश (Restricted Holiday), इन सभी छुट्टियों का उपयोग कर्मचारी व्यक्तिगत कारणों के लिए कर सकते हैं, जिनमें माता-पिता की देखभाल एक प्रमुख कारण माना गया है।
कर्मचारी हित में एक मानवीय फैसला
सरकार के इस फैसले को एक ‘मानवीय निर्णय’ कहा जा सकता है। यह न सिर्फ कर्मचारियों के पारिवारिक जीवन को संतुलित करने में सहायक होगा, बल्कि इससे बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह फैसला एक उदाहरण पेश करता है कि कैसे शासन प्रशासनिक नीतियों में संवेदना को शामिल कर सकता है।
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