भारत की बड़ी छलांग, अब अमेरिका-चीन-रूस की बराबरी पर

नई दिल्ली। 21वीं सदी का युद्धक्षेत्र सिर्फ मिसाइलों या हथियारों का नहीं, बल्कि गति, सटीकता और तकनीकी बढ़त का है। जहां अब तक अमेरिका, चीन और रूस ही हाइपरसोनिक तकनीक के प्रमुख खिलाड़ी माने जाते थे, अब भारत ने भी इस होड़ में खुद को मजबूती से स्थापित कर लिया है। हाल के वर्षों में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किए गए महत्वपूर्ण परीक्षणों और स्वदेशी तकनीकी प्रगति ने भारत को इस अत्याधुनिक क्षेत्र में वैश्विक मान्यता दिलाई है।

क्या है हाइपरसोनिक तकनीक?

हाइपरसोनिक गति उस वेग को कहते हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना या उससे अधिक होती है। यानी कोई वस्तु अगर Mach 5 (लगभग 6,200 किमी/घंटा) से अधिक गति से उड़ान भरती है, तो वह "हाइपरसोनिक" श्रेणी में आती है। हाइपरसोनिक हथियार अत्यधिक तेज़ गति, ऊँचाई और मार्ग परिवर्तन की क्षमता के कारण किसी भी वायु रक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम होते हैं। इनकी गति इतनी होती है कि प्रतिक्रिया का समय शत्रु के पास बेहद कम रह जाता है।

भारत की प्रगति के प्रमुख स्तंभ

1. HSTDV (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle)

2020 में भारत ने HSTDV का सफल परीक्षण कर दुनिया को यह संदेश दिया कि वह हाइपरसोनिक क्षेत्र में गंभीर और सक्षम दावेदार है। यह वाहन Mach 6 की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह भविष्य में हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल विकसित करने की नींव है।

2. ET-LDHCM (Extended Trajectory Long Duration Hypersonic Cruise Missile)

DRDO द्वारा विकसित यह मिसाइल लगभग Mach 8 की रफ्तार से 1,500 किमी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। इसकी डिज़ाइन ऐसी है कि यह एयर डिफेंस सिस्टम्स को चकमा दे सके और अत्यधिक सटीकता से लक्ष्य भेदे। भारत ने इसका सफल टेस्ट किया हैं।

3. LRAShM (Long Range Anti-Ship Missile)

यह मिसाइल विशेष रूप से नौसेना के लिए तैयार की जा रही है। इसकी गति Mach 8–10 तक है और यह अत्यधिक दूरी से दुश्मन के पोतों को तबाह करने में सक्षम होगी।

वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति

अब तक अमेरिका, चीन (DF-17) और रूस (Avangard, Zircon) हाइपरसोनिक हथियारों में अग्रणी रहे हैं। परंतु भारत ने जिस प्रकार से स्वदेशी तकनीक पर भरोसा करते हुए अपने हाइपरसोनिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है, वह रणनीतिक आत्मनिर्भरता (strategic autonomy) की मिसाल है।

Economictimes और Business Standard की रिपोर्टों के अनुसार, भारत की नई ET-LDHCM मिसाइल आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों जैसे S-500 को भी चकमा देने में सक्षम हो सकती है, जो कि भारत के लिए एक game-changer साबित होगा।

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