भारत का नया योद्धा ‘अस्त्र मार्क-3’—दुश्मन के लिए खौफनाक!

नई दिल्ली। भारत की रक्षा तकनीक में लगातार हो रही प्रगति ने देश को वैश्विक स्तर पर एक सशक्त सैन्य शक्ति बना दिया है। इसी कड़ी में विकसित हो रही अस्त्र मार्क-3 मिसाइल, जिसे ‘गांडीव’ के नाम से भी जाना जा रहा है, भारतीय वायुसेना के लिए एक बेहद ताकतवर और उच्च क्षमता वाली बीवीआर (बियॉन्ड विजुअल रेंज) एयर-टू-एयर मिसाइल साबित होगी।

क्या है अस्त्र मार्क-3?

यह मिसाइल वर्तमान में विकास के अंतिम चरण में है और इसके सफल परीक्षणों की उम्मीद जल्द ही है। 340 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का उद्देश्य भारतीय वायुसेना की हवाई युद्धक शक्ति को अगले स्तर तक ले जाना है।

क्यों खास है अस्त्र मार्क-3?

अस्त्र मार्क-3 चीन की पीएल-15 और अमेरिका की एआईएम-174 जैसी मिसाइलों को टक्कर देने वाली तकनीक पर आधारित है। इस मिसाइल को अत्याधुनिक रैमजेट इंजन से लैस किया जा रहा है, जिससे यह उच्च गति और लंबी दूरी तक सटीक निशाना साध सकेगी।

युद्ध के मैदान में ताकतवर हथियार

विकास के बाद, यह मिसाइल कई प्रकार के हवाई लक्ष्यों जैसे लड़ाकू विमान, बमवर्षक, और एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमानों को प्रभावी रूप से भेदने में सक्षम होगी। इसकी प्रक्षेपण गति और मैन्यूप्लेशन क्षमता इसे किसी भी लड़ाकू स्थिति में एक निर्णायक हथियार बनाएगी।

इसे लेकर भविष्य की तैयारी क्या हैं?

भारत के लिए अस्त्र मार्क-3 न केवल एक मिसाइल बल्कि वायु रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इसकी तैनाती से भारत की वायु सेना और भी अधिक सक्षम और मजबूत होगी, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक श्रेष्ठता हासिल होगी।

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