फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और क्यों है अहम?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (मल्टीप्लायर) होता है जिससे पुराने वेतन या पेंशन को गुणा करके नए वेतन/पेंशन की गणना की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, यानी बेसिक वेतन को 2.57 से गुणा करके नया वेतन तय किया गया था।
अब खबरें हैं कि 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 1.90 से 1.92 के बीच तय किया जा सकता है। पहली नजर में यह पिछले फैक्टर से कम लगता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह 1.90 गुना मौजूदा (7वें वेतन आयोग के आधार पर तय) पेंशन पर लागू होगा — यानि पहले से बढ़ी हुई राशि पर फिर से उछाल।
कैसे बढ़ेगी आपकी पेंशन?
1 .यदि आपकी मौजूदा बेसिक पेंशन ₹9,000 (न्यूनतम) है, तो 1.90 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार नई पेंशन होगी ₹17,100 — यानी ₹8,100 की सीधी बढ़ोतरी।
2 .यदि आपकी मौजूदा बेसिक पेंशन ₹15,000 है, तो 1.90 फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से नई पेंशन होगी ₹28,500 — यानी ₹13,500 का लाभ।
3 .यदि आपकी मौजूदा बेसिक पेंशन ₹25,000 है, तो नई पेंशन बनेगी ₹47,500 — यानी ₹22,500 की बढ़ोतरी।
4 .यदि आपकी मौजूदा पेंशन ₹40,000 है, तो 1.90 गुणा के अनुसार नई पेंशन होगी ₹76,000 — यानी ₹36,000 का इजाफा।
5 .यदि आपकी मौजूदा पेंशन ₹75,000 है, तो नई पेंशन बनकर आएगी ₹1,42,500 — यानी आपको ₹67,500 का फायदा होगा।
6 .अगर मौजूदा पेंशन ₹1,00,000 है, तो 1.90 फैक्टर से नई पेंशन ₹1,90,000 होगी — यानी ₹90,000 की बढ़ोतरी।
7 .अगर आपकी मौजूदा पेंशन ₹1,25,000 (अधिकतम) है, तो नई पेंशन बनेगी ₹2,37,500 — यानी ₹1,12,500 तक का सीधा लाभ।
8 .यह सिर्फ बेसिक पेंशन की गणना है। इसके ऊपर महंगाई राहत (Dearness Relief - DR) अलग से जोड़ी जाएगी, जिससे कुल पेंशन और भी ज़्यादा हो सकती है।
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