पंचायत सचिव बनेंगे रजिस्ट्रार
नई व्यवस्था के तहत प्रत्येक पंचायत भवन में पंचायत सचिव को ही रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी दी गई है। अब कोई भी व्यक्ति अपने गांव में स्थित पंचायत भवन जाकर जन्म या मृत्यु का प्रमाणपत्र बनवा सकेगा। पहले यह कार्य प्रखंड कार्यालय में स्थित सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा किया जाता था, जिससे प्रमाणपत्र बनवाने में समय और ऊर्जा दोनों की काफी खपत होती थी।
विलंब शुल्क में हुआ इजाफा
हालांकि इस नई व्यवस्था के साथ विलंब शुल्क में भी वृद्धि की गई है। अब अगर कोई जन्म या मृत्यु पंजीकरण 21 दिनों के भीतर करता है, तो उसे कोई शुल्क नहीं देना होगा। लेकिन अगर: 22 से 30 दिन के भीतर आवेदन किया जाता है, तो ₹20 का विलंब शुल्क देना होगा। 31 दिन से 1 वर्ष के भीतर आवेदन करने पर ₹50 का शुल्क लगेगा। 1 वर्ष से अधिक की देरी पर ₹100 शुल्क के साथ एसडीओ की अनुमति भी अनिवार्य होगी।
मुखिया संघ की मांग और सरकार की पहल
यह फैसला मुखिया संघ के दबाव और सुझाव के बाद लिया गया है। पिछले कुछ समय से पंचायत प्रतिनिधि यह मांग कर रहे थे कि स्थानीय स्तर पर ही प्रमाणपत्र निर्गत किए जाएं ताकि ग्रामीण जनता को अनावश्यक परेशानियों से बचाया जा सके। सरकार ने जनहित को प्राथमिकता देते हुए इस सुझाव को स्वीकार कर अधिसूचना जारी की और नियमावली को अद्यतन किया।
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