महानिदेशक की सख्ती: बीएसए पर उठे सवाल
महानिदेशक स्कूल शिक्षा, कंचन वर्मा ने इस मामले में गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जो ज़िलाधिकारी (बीएसए) डाटा अपडेट करने में लापरवाही बरत रहे हैं, वे न केवल आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, बल्कि विभागीय ज़िम्मेदारी से भी पीछे हट रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि 30 जुलाई तक हर हाल में डाटा अपडेट कर दिया जाए, वरना संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विशेष रूप से उन्होंने छह जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों के बीएसए से कहा है कि शिक्षामित्रों के नाम, उनकी पहली तैनाती, वर्तमान तैनाती, जन्मतिथि जैसी जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर तुरंत अपडेट की जाए। एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि बहुत कम जिलों ने ही इस दिशा में ठोस कार्यवाही की है।
डाटा अपडेट की समयसीमा: आखिरी चेतावनी
इस बार विभाग ने बेहद स्पष्ट रूप से संकेत दे दिए हैं कि 30 जुलाई की डेडलाइन के बाद कोई भी अपडेट स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह अंतिम अवसर है, इसके बाद लापरवाही पाए जाने पर व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी तय करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, हर जिले को यह भी निर्देश दिया गया है कि डाटा अपडेट की सूचना राज्य परियोजना कार्यालय को भी भेजी जाए।
अनुदेशकों को लेकर भी आए निर्देश
केवल शिक्षामित्र ही नहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों के डाटा को लेकर भी प्रशासन ने सख्ती बरती है। कंचन वर्मा ने निर्देश दिए हैं कि अनुदेशकों के डाटा का सत्यापन जल्द से जल्द किया जाए और जिले के भीतर ही उनका अनुबंधित स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए। तीसरे चरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले पोर्टल पर अपडेट और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए, जिसके लिए एक सप्ताह की समयसीमा दी गई है।
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