बिहार में सभी किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। उप मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने घोषणा की है कि राज्य में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल 3635.15 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह योजना राज्य के सभी 38 जिलों में लागू की जाएगी और इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों से मुक्त प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करना है।

प्राकृतिक खेती की प्रमुख भूमिका

प्राकृतिक खेती में रासायनिक उत्पादों का उपयोग नहीं किया जाता, बल्कि इसमें प्राकृतिक संसाधनों का सहारा लेकर मिट्टी की गुणवत्ता सुधारी जाती है। इस पद्धति से न केवल किसानों की इनपुट लागत कम होती है, बल्कि इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और पर्यावरण को भी लाभ होता है। रसायन मुक्त खाद्य पदार्थों के उत्पादन से उपभोक्ताओं को पोषण युक्त और स्वस्थ भोजन भी उपलब्ध होता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

योजना का क्रियान्वयन और लाभ

विजय सिन्हा ने बताया कि इस योजना के तहत प्राथमिकता उन क्षेत्रों और खेतों को दी जाएगी, जहां पहले से प्राकृतिक खेती चल रही है या जहां किसान इस पद्धति के बारे में जागरूक और अभ्यासरत हैं। इससे खेती के अनुभवों का बेहतर उपयोग होगा और किसानों में जागरूकता बढ़ेगी। साथ ही, योजना में बहुफसलीय उत्पादन को भी महत्व दिया जाएगा ताकि किसान अधिक से अधिक लाभ कमा सकें और प्राकृतिक खेती को एक स्थायी कृषि पद्धति के रूप में अपनाएं।

इस पहल से न केवल पर्यावरणीय संतुलन स्थापित होगा, बल्कि किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे टिकाऊ तथा स्वस्थ खेती की ओर बढ़ेंगे। सरकार की यह योजना खेती की आधुनिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है और बिहार में कृषि के क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करेगी।

जनजागरूकता अभियान का महत्त्व

इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार कृषि विभाग के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान भी चलाएगी। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ना और उन्हें प्राकृतिक खेती के फायदों से अवगत कराना है। इससे किसान न केवल अपनी कृषि तकनीकों में सुधार कर सकेंगे, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकेंगे।

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