मुफ्त बिजली योजना का गणित
सरकार के फैसले के अनुसार, अब राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। इसका मतलब यह नहीं है कि बिल ही नहीं आएगा, बल्कि अगर उपभोक्ता तय सीमा के भीतर खपत करते हैं, तो ऊर्जा शुल्क, फिक्स चार्ज और अन्य किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। मसलन, अगर किसी उपभोक्ता की खपत 125 यूनिट तक है, तो वह पूरी तरह से मुक्त है। लेकिन अगर किसी ने 126 यूनिट बिजली का उपयोग किया, तो उस एक यूनिट पर अनुदानित दर के अनुसार शुल्क लिया जाएगा।
किन्हें नहीं मिलेगा फायदा?
यह योजना हालांकि बड़े स्तर पर लागू की जा रही है, लेकिन कुछ खास श्रेणियों को इससे बाहर रखा गया है। सब-मीटर वाले उपभोक्ता, यानी किराए पर रहने वाले लोग जिनके मकान मालिक ने अलग मीटर लगा रखा है, उन्हें यह छूट नहीं मिलेगी। जो उपभोक्ता स्वीकृत भार से अधिक बिजली उपयोग करते हैं, उन्हें पहले की तरह जुर्माना देना होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं के अतिरिक्त जमा पैसे को अगले महीने की खपत में समायोजित किया जाएगा।
राजनीति बनाम जनकल्याण
इस योजना को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है। विपक्षी दल इसे चुनावी लॉलीपॉप बता रहे हैं, तो सरकार इसे जनहित में लिया गया बड़ा फैसला कह रही है। लेकिन चाहे जो भी हो, यह बात तय है कि अगर योजना पारदर्शी ढंग से लागू होती है और सही लाभार्थियों तक पहुंचती है, तो यह लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत बन सकती है।
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