दुश्मन के दिल में वार! भारत का HSLD-Mk II बम तैयार

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (IAF) आने वाले समय में अपनी हमलावर क्षमता को एक नई ऊंचाई देने जा रही है। खासकर जब बात हवा से ज़मीन पर अचूक और तेज़ हमलों की हो, तो तकनीक का उन्नत होना बेहद जरूरी है। इसी दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, IAF अब अपने मिग-29UPG फाइटर जेट्स को 'HSLD-Mk II' नामक अत्याधुनिक प्रिसिजन गाइडेड बम (PGB) से लैस करने जा रही है।

क्या है HSLD-Mk II बम?

HSLD-Mk II एक उन्नत प्रिसिजन गाइडेड बम है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पुणे स्थित अपनी प्रयोगशालाओं में विकसित किया है। इस बम की सबसे खास बात है इसकी "हाई स्पीड, लो ड्रैग" डिज़ाइन। यानी यह बम हवा में कम रुकावट का सामना करता है और बेहद तेज़ी से लक्ष्य तक पहुंचता है।

बम में एडवांस्ड गाइडेंस सिस्टम भी लगा होगा, जिसमें GPS-आधारित तकनीक शामिल है। इसका अर्थ है कि यह ‘स्मार्ट बम’ अपने टारगेट को सेंटीमीटर स्तर की सटीकता से निशाना बना सकता है। इससे कोलैटरल डैमेज यानी आस-पास के क्षेत्रों में नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाती है।

क्यों खास है IAF के लिए?

सटीक हमला: यह बम दुश्मन के बंकरों, लॉन्च पैड्स, कमांड पोस्ट्स और सैन्य वाहनों को बेहद सटीक तरीके से नष्ट कर सकता है।

कम लागत, अधिक मारक क्षमता: स्वदेशी होने के कारण यह विदेशी विकल्पों की तुलना में सस्ता है, जिससे रक्षा बजट का बेहतर उपयोग संभव है।

तेज़ और भरोसेमंद: इसकी हाई-स्पीड डिज़ाइन इसे युद्ध के दौरान कम समय में असरदार हमले के लिए उपयुक्त बनाती है।

आत्मनिर्भर भारत के लिए एक और उपलब्धि

HSLD-Mk II सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत की मजबूती का प्रतीक है। भारत पहले से ही तेजस फाइटर, आकाश मिसाइल और अन्य स्वदेशी प्रणालियों में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है। HSLD-Mk II उसी कड़ी का एक और मजबूत जोड़ है।

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