नाममात्र GDP: भारत ने रूस को पीछे छोड़ा
2024 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की नाममात्र GDP लगभग 3.94 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है, जबकि रूस की नाममात्र GDP करीब 2.18 ट्रिलियन डॉलर है। इसका मतलब यह हुआ कि कुल उत्पादन और आर्थिक गतिविधि के लिहाज से भारत रूस से लगभग दोगुना बड़ा है। यह मुख्य रूप से भारत की विशाल आबादी (लगभग 1.43 अरब) और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का नतीजा है।
PPP के आधार पर GDP: खरीद शक्ति में भी भारत आगे
जब हम PPP (Purchasing Power Parity) यानी क्रय शक्ति समानता के आधार पर देखें, तो भारत की GDP लगभग 15 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि रूस की GDP 6.9 ट्रिलियन डॉलर के करीब है। यह संकेत करता है कि भारत की घरेलू बाजार में वास्तविक खरीद शक्ति रूस की तुलना में दोगुना से अधिक है। यह भारत की विविध और तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है, जहां वस्तुओं और सेवाओं की खपत व्यापक स्तर पर हो रही है।
विकास दर: भारत की तेज़ रफ्तार, रूस की धीमी चाल
वर्ष 2024-25 में भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 6.5% से 7.4% के बीच रही, जो वैश्विक मानकों से काफी बेहतर है। वहीं रूस, जो विश्व स्तर पर अपनी ऊर्जा निर्यात के लिए जाना जाता है, इस दौरान 1.4% से 4% के बीच विकास दर दर्ज कर रहा है। रूस पर लगे वैश्विक प्रतिबंधों और युद्ध के प्रभाव के कारण इसकी आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ गई है।
प्रति व्यक्ति आय: रूस का बड़ा अंतर
जहां भारत की प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,480 अमेरिकी डॉलर है, वहीं रूस की प्रति व्यक्ति आय 13,800 अमेरिकी डॉलर के करीब है। इसका मतलब है कि रूस में औसत नागरिक भारत के मुकाबले लगभग 5.5 गुना अधिक आय अर्जित करता है। यह अंतर मुख्य रूप से दोनों देशों की आबादी के आकार और जीवन स्तर के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।
आर्थिक संरचना और चुनौतियां
भारत की अर्थव्यवस्था कृषि, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र और डिजिटल उद्योगों में तेजी से विस्तार कर रही है। दूसरी ओर रूस की अर्थव्यवस्था ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक निर्भर है। इसके साथ ही भारत की युवा और बढ़ती आबादी आर्थिक वृद्धि के लिए एक बड़ा अवसर है, जबकि रूस को जनसंख्या में कमी और वैश्विक प्रतिबंधों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
0 comments:
Post a Comment