राशन कार्ड धारकों के लिए केंद्र सरकार के नए नियम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और लाभार्थी-केंद्रित बनाने के लिए एक अहम निर्णय लिया है। बुधवार को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए ‘लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2025’ के तहत हर पांच वर्ष में ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया को अनिवार्य बना दिया है। इस कदम का उद्देश्य राशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ाना, डुप्लिकेट कार्डों की पहचान करना और वास्तविक पात्र लाभार्थियों तक सब्सिडी पहुंचाना है।

राज्यों की भूमिका होगी अहम

संशोधित आदेश के अनुसार, राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी पात्र परिवारों का हर पांच साल में ई-केवाईसी पूरा हो। इस प्रक्रिया के दौरान अयोग्य या अपात्र परिवारों को सूची से हटाया जाएगा, जबकि नवीन पात्र परिवारों को जोड़ा जाएगा।

18 वर्ष से पहले नहीं मिलेगा अलग राशन कार्ड

नए नियमों के मुताबिक, अब कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष की आयु पूरी किए बिना अलग राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं होगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से अपात्र व्यक्तियों के नाम पर बनने वाले राशन कार्ड की संभावना कम होगी और प्रणाली अधिक सटीक बनेगी।

बच्चों के लिए भी होगी नई व्यवस्था

पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के आधार नंबर (यदि उपलब्ध हों) को एकत्र किया जाएगा और उनके पांच वर्ष का होने के एक साल के भीतर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।

छह महीने से राशन नहीं लिया? कार्ड होगा निष्क्रिय

यदि कोई लाभार्थी लगातार छह महीनों तक राशन नहीं उठाता है, तो उसका राशन कार्ड अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर दिया जाएगा। राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर क्षेत्रीय सत्यापन और पात्रता मूल्यांकन के साथ ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। वहीं, एक ही राज्य या विभिन्न राज्यों में डुप्लिकेट राशन कार्ड पाए जाने पर उन्हें भी अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर दिया जाएगा। ऐसे लाभार्थियों को तीन महीने की अवधि दी जाएगी, जिसके भीतर वे वैध दस्तावेजों और ई-केवाईसी के माध्यम से पात्रता प्रमाणित कर सकते हैं।

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