भारत और ब्रिटेन की GDP में अंतर: पढ़ें पूरी खबर

नई दिल्ली। बीते कुछ वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं। भारत, जो कभी ब्रिटेन का उपनिवेश रहा, आज विश्व मंच पर आर्थिक ताक़त बनकर उभरा है। 2024–25 में भारत ने न केवल ब्रिटेन को GDP के मामले में पीछे छोड़ा, बल्कि भविष्य की वैश्विक आर्थिक संरचना को पुनर्परिभाषित करने की दिशा में एक निर्णायक क़दम भी उठाया।

भारत और ब्रिटेन की नॉमिनल GDP: बदलते समीकरण

2024–25 में भारत की नॉमिनल GDP करीब $4 ट्रिलियन के आसपास पहुँच गई है, जबकि ब्रिटेन की GDP $3.6 ट्रिलियन के आसपास बनी हुई है। यह एक प्रतीकात्मक मील का पत्थर है—क्योंकि अब भारत, जो ऐतिहासिक रूप से औपनिवेशिक दमन का शिकार रहा है, अपने पूर्व शासक को आर्थिक रूप से पीछे छोड़ चुका है।

भारत की यह आर्थिक छलांग उसके व्यापक जनसंख्या आधार, बढ़ते औद्योगीकरण, तकनीकी प्रगति और सेवा क्षेत्र के विस्फोटक विकास का परिणाम है। दूसरी ओर, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था विकसित अवसंरचना और उच्च जीवन स्तर के बावजूद धीमी वृद्धि से जूझ रही है।

PPP के पैमाने पर तुलना: असली आर्थिक शक्ति

यदि हम क्रय शक्ति समता (PPP) की दृष्टि से देखें तो भारत की अर्थव्यवस्था $15 ट्रिलियन है, जबकि ब्रिटेन इस आधार पर केवल $4.2 ट्रिलियन के करीब है। यह अंतर दर्शाता है कि भारत में जीवनयापन की लागत अपेक्षाकृत कम होने के बावजूद आर्थिक गतिविधियाँ कहीं अधिक व्यापक और सघन हो चुकी हैं।

PPP GDP उस वास्तविक आर्थिक शक्ति को दर्शाता है जो एक देश की जनसंख्या के बीच वस्तुओं और सेवाओं की वास्तविक खपत क्षमता को परिभाषित करती है। इस मानक पर भारत अब चीन और अमेरिका के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

प्रति व्यक्ति GDP: अब भी एक लंबा रास्ता

हालांकि कुल GDP में भारत आगे निकल चुका है, परंतु प्रति व्यक्ति आय के मामले में अंतर बहुत व्यापक है। ब्रिटेन की प्रति व्यक्ति आय $52,000 के आसपास है, जबकि भारत की यह मात्र $2,800 के करीब है। यह अंतर इंगित करता है कि भारत में आर्थिक विकास के लाभ अभी भी समान रूप से सभी नागरिकों तक नहीं पहुँच पाए हैं। यह संकेत देता है कि भारत को सिर्फ GDP बढ़ाने से ज़्यादा सामाजिक समावेशिता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों में भी ठोस सुधार करने होंगे।

वृद्धि दर और भविष्य की दिशा

भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 6–7% के बीच बनी हुई है, जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा 1–3% के बीच है। भारत की जनसंख्या युवा है, तकनीकी स्टार्टअप संस्कृति पनप रही है, और बुनियादी ढांचे में सरकार भारी निवेश कर रही है। इसके चलते भारत को “विश्व की अगली आर्थिक महाशक्ति” के रूप में देखा जा रहा है। 

0 comments:

Post a Comment