₹252 प्रतिदिन: सम्मानजनक मजदूरी
राज्य सरकार द्वारा घोषित नई दरों के अनुसार अब कृषि कार्यों में लगे वयस्क श्रमिकों को ₹252 प्रतिदिन अथवा ₹6552 प्रतिमाह न्यूनतम मजदूरी के रूप में मिलेगी। यह दरें राज्य के सभी जिलों में समान रूप से लागू होंगी और हर प्रकार के कृषि कार्यों—चाहे वह पारंपरिक खेती हो, मशरूम उत्पादन, फसल कटाई या मंडी तक फसल पहुंचाना—पर लागू होंगी। यह विस्तार पशुपालन, मधुमक्खी पालन, दुग्ध उत्पादन, और कुक्कुट पालन जैसी गतिविधियों को भी कवर करता है, जिससे कृषि आधारित समग्र उद्योगों को मजबूती मिलेगी।
डिजिटल लेन-देन की ओर प्रोत्साहन
नए निर्णय के तहत मजदूरी का भुगतान अब नकद के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों से भी किया जा सकेगा। यह प्रावधान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को डिजिटल दिशा में ले जाने का प्रयास है, जिससे वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता आएगी और श्रमिकों को समय पर तथा उचित भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। यह परिवर्तन तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में ग्रामीण भारत के लिए एक प्रेरणास्पद पहल है।
अस्थायी श्रमिकों को भी सुरक्षा
योगी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रति घंटे की मजदूरी दर, दैनिक दर के 1/6 से कम नहीं होनी चाहिए। इसका सीधा लाभ उन श्रमिकों को मिलेगा जो आंशिक या अस्थायी कार्यों में लगे होते हैं। इस फैसले से यह सुनिश्चित होता है कि मजदूरों को उनके श्रम का समुचित मूल्य मिले, चाहे वे कुछ घंटे ही काम क्यों न करें।
वर्तमान से बेहतर मजदूरी को संरक्षण
एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जिन श्रमिकों को पहले से इन नई दरों से अधिक मजदूरी मिल रही है, उनकी पुरानी मजदूरी दर ही न्यूनतम मानी जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि कोई भी मजदूर अपने मौजूदा लाभों से वंचित न हो और यह संशोधन केवल सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए, न कि अधिकारों को सीमित करे।
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