गणेश चतुर्थी पर 4 खास मंत्र, जो खोल देंगे आपके भाग्य के द्वार

धर्म डेस्क। गणेश चतुर्थी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा का उत्सव है। यह दिन वह शुभ अवसर है जब हम विघ्नहर्ता गणपति से जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने, सफलता पाने और सौभाग्य प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं। भगवान गणेश को मंत्रों के माध्यम से प्रसन्न करना सबसे सीधा और प्रभावशाली उपाय माना गया है। खासकर जब सही मंत्रों का चयन श्रद्धा के साथ किया जाए।

1. ॐ गं गणपतये नमः

यह सबसे सरल, लेकिन अत्यंत प्रभावशाली बीज मंत्र है। किसी भी कार्य की शुरुआत हो या पूजा की विधि। यह मंत्र एक शक्तिशाली ऊर्जा का संचार करता है। आप प्रतिदिन 108 बार जाप करें। इससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आएगी।

2. वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

गणेश जी के तेज, विशालता और कृपा का सुंदर चित्रण इस मंत्र में है। यह मंत्र जीवन की हर बाधा को दूर करने के लिए अनिवार्य माना गया है। किसी भी महत्वपूर्ण काम से पहले या रोज़ सुबह इसका जाप करें। जिससे भाग्य के द्वारा खुल जाएंगे।

3. ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

यह भगवान गणेश का गायत्री मंत्र है, जो विशेष रूप से बुद्धि, विवेक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयोग किया जाता है। पढ़ाई से पहले या ध्यान करते समय इस मंत्र का जाप करें। इससे जीवन में सफलता प्राप्त होगी और सभी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।

4. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

यह मंत्र धन, समृद्धि और सामाजिक प्रभाव के लिए अत्यंत फलदायी है। जो लोग व्यापार, नौकरी या समाज में मान-सम्मान चाहते हैं, उनके लिए यह एक शक्तिशाली साधन है। इस मंत्र को शुक्रवार या गणेश चतुर्थी के दिन कम से कम 21 बार अवश्य जपें।

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