बिहार में 'कर्मचारियों' के लिए बड़ी खुशखबरी, बढ़ी सैलरी

पटना। बिहार की राजनीति और प्रशासनिक निर्णयों के केंद्र में रही कैबिनेट बैठक एक बार फिर राज्य के लाखों कर्मचारियों और पूर्व राजनीतिक बंदियों के लिए खुशखबरी लेकर आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में आयोजित इस बैठक में कुल 30 एजेंडों को मंजूरी दी गई। इस बैठक ने न केवल वित्तीय फैसलों को बल दिया, बल्कि सामाजिक और औद्योगिक दिशा में भी कई ठोस कदम उठाए गए।

बीएलओ और सुपरवाइजर की सैलरी में बढ़ोतरी

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद बिहार सरकार ने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और BLO सुपरवाइजर की वार्षिक सैलरी में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। BLO की सालाना सैलरी ₹10,000 से बढ़ाकर ₹14,000 कर दी गई है। BLO सुपरवाइजर की सैलरी ₹15,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दी गई है।

बिहार भर में लगभग 90,712 बीएलओ और 8,245 सुपरवाइजर कार्यरत हैं। इस सैलरी वृद्धि से सरकार पर वार्षिक खर्च में लगभग ₹38.75 करोड़ की अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा, लेकिन इससे जमीनी स्तर पर चुनावी व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।

लोकनायक आंदोलन के सेनानियों को सम्मान

इसके अलावे, जेपी आंदोलन के दौरान मीसा और डीआईआर जैसे कठोर कानूनों के तहत जेल गए आंदोलनकारियों को अब अधिक पेंशन दी जाएगी। 1 से 6 महीने तक जेल में रहे लोगों को अब ₹15,000 प्रतिमाह (पहले ₹7,500), 6 महीने से अधिक समय तक जेल में रहे लोगों को अब ₹30,000 प्रतिमाह (पहले ₹15,000), यह निर्णय न केवल इतिहास में योगदान देने वालों को सम्मान देने का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को लोकतंत्र के संघर्षों की याद भी दिलाता है।

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