बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर बड़ी खबर

पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और शिक्षक हितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण (ट्रांसफर) और पदस्थापन (पोस्टिंग) से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर ही व्यवस्था लागू कर दी है। अब शिक्षकों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पटना या शिक्षा विभाग के मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

जिला स्तर पर होगी शिकायतों की सुनवाई

शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी आदेश के अनुसार, अब शिक्षकों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ी सभी शिकायतों की सुनवाई और समाधान जिले में ही किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति न सिर्फ शिक्षकों के स्थानांतरण की अनुशंसा करेगी, बल्कि अंतर-जिला ट्रांसफर और शिकायतों के समाधान के साथ-साथ प्रतिनियुक्ति जैसे मामलों में भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत होगी।

समिति की संरचना

इस जिला स्थापना समिति में शामिल पदाधिकारी इस प्रकार हैं: जिलाधिकारी (DM) अध्यक्ष, उप विकास आयुक्त (DDC), अपर जिला दंडाधिकारी (ADM), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), SC/ST वर्ग से नामित एक पदाधिकारी, एक महिला अधिकारी (वरिष्ठ महिला उप समाहर्ता या अन्य महिला पदाधिकारी), अल्पसंख्यक वर्ग से एक पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) सदस्य सचिव के रूप में

क्यों है यह कदम अहम?

अब तक ट्रांसफर या पोस्टिंग में देरी, मनमानी या भेदभाव जैसी शिकायतें अक्सर सामने आती रही हैं। कई बार शिक्षकों को वर्षों तक अपने पसंदीदा या गृह जिले से दूर कार्य करना पड़ता है। इस नई व्यवस्था से उम्मीद है कि अब शिक्षकों को अपनी शिकायतों के लिए लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर समिति होने से शिकायतों की त्वरित सुनवाई और समाधान संभव हो सकेगा।

शिक्षकों को होगा सीधा लाभ

इस निर्णय से उन शिक्षकों को खासतौर पर राहत मिलेगी: जिनका ट्रांसफर लम्बे समय से लंबित है। जिन्हें किसी विशेष परिस्थिति में पोस्टिंग में बदलाव की आवश्यकता है (जैसे स्वास्थ्य, पारिवारिक परिस्थिति आदि), जो अन्य जिलों में प्रतिनियुक्ति की इच्छा रखते हैं, जिनकी शिकायतों को अब तक नजरअंदाज किया जाता रहा है। 

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