भारत ने बनाया 3 'जानलेवा' हथियार, जानकार चौंक जाएंगे

नई दिल्ली। ड्रोन युद्धों के इस दौर में भारत ने एक बड़ी छलांग लगाते हुए ऐसे तीन एंटी-ड्रोन हथियार विकसित किए हैं, जो न केवल तकनीकी दृष्टि से बेहद उन्नत हैं, बल्कि दुश्मनों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए काफी हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किए गए ये हथियार अब देश की सीमाओं को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाएंगे।

जहां दुनिया के कई विकसित देश अब भी प्रभावी एंटी-ड्रोन तकनीक की तलाश में हैं, वहीं भारत ने इस दिशा में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। आइए जानते हैं इन हथियारों की खासियत और यह क्यों आने वाले समय में भारत की 'ड्रोन डिफेंस' रणनीति की रीढ़ बनने जा रहे हैं।

1. 10-12 किलोवॉट लेजर वेपन

इस हथियार को ‘निर्देशित ऊर्जा हथियार’ यानी Directed Energy Weapon (DEW) के तौर पर तैयार किया गया है। यह हाई-पावर लेजर बीम का इस्तेमाल कर उड़ते हुए ड्रोन को दूर से ही जला सकता है। इसकी ताकत इतनी अधिक है कि लक्ष्य भेदने के लिए न तो मिसाइल चाहिए और न ही कोई गोला-बारूद। सबसे अहम बात यह है कि यह हथियार बेहद कम लागत में ऑपरेट किया जा सकता है, जिससे भविष्य में इसकी तैनाती सीमाओं पर आसान और प्रभावी होगी।

2. D4 CUAS - 'ड्रोन शिकारी सिस्टम'

Drone Detect, Deter and Destroy - Counter Unmanned Aircraft System (D4 CUAS), यह पूरा सिस्टम एक बहु-परत सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। यह न केवल ड्रोन का पता लगाता है, बल्कि उसे जाम कर उड़ान से रोकता है और अंत में नष्ट कर देता है। यह तकनीक एक ही समय पर विभिन्न प्रकार के ड्रोन चाहे वे छोटे क्वाडकॉप्टर हों या बड़े स्वायत्त UAV – को पहचान सकती है। यह सिस्टम स्थिर और मोबाइल दोनों रूपों में तैनात किया जा सकता है।

3. EOTS - 'आंख जो छुपा दुश्मन भी देख ले'

Electro-Optical Targeting System (EOTS), एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक आंख है जो कैमरे और सेंसर की मदद से आसमान में उड़ते ड्रोन पर नजर रखती है। यह सिस्टम खासतौर पर निगरानी और ट्रैकिंग में अहम भूमिका निभाता है। इसके जरिये ऑपरेटर ड्रोन की सटीक लोकेशन और मूवमेंट को रियल-टाइम में मॉनिटर कर सकता है।

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