पोल्ट्री फार्म और संरक्षित क्षेत्रों में बढ़ाई गई निगरानी
राज्य में पोल्ट्री फार्मों पर विशेष ध्यान देने का आदेश दिया गया है। इन जगहों पर स्वच्छता और मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके अलावा चिड़ियाघरों, पक्षी विहारों, नेशनल पार्कों, वेटलैंड क्षेत्रों और गो-आश्रय स्थलों में सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इन सभी स्थलों की नियमित रूप से सैनेटाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाए, और जरूरत पड़ने पर ब्लो टॉचिंग जैसे उपायों को भी लागू किया जाए ताकि संक्रमण के किसी भी संभावित स्रोत को नष्ट किया जा सके।
स्वास्थ्य जांच और कर्मचारियों की सुरक्षा पर विशेष जोर
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि सभी वन्य जीवों और पक्षियों की नियमित स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से की जाए। उनके आहार को भी गहन जांच के बाद ही दिया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने की आशंका न रहे। साथ ही, इन क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों की ड्यूटी ऐसे तरीके से निर्धारित की जाए जिससे जोखिम न्यूनतम हो और सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन हो सके।
सभी कर्मचारियों को एवियन इंफ्लुएंजा से संबंधित जानकारी, लक्षणों की पहचान, संक्रमण के तरीकों और उससे बचाव के उपायों की पूरी ट्रेनिंग देने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही उन्हें पीपीई किट और अन्य आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे स्वयं सुरक्षित रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइनों के अनुरूप कदम
मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि राज्य स्तर पर केंद्र सरकार की गाइडलाइनों का पूरी तरह पालन हो। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला स्तर पर टीमें सक्रिय रखी जाएंगी और संभावित संक्रमण की जांच के लिए नमूनों का परीक्षण तत्परता से किया जाएगा।
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