बिहार के 'नागरिकों' के लिए एक बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार के नागरिकों के लिए यह खबर निश्चित रूप से उत्साहजनक है। राज्य को केंद्र सरकार से खनिज संसाधनों के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिली है। जमुई जिले के अंतर्गत आने वाले माजोस और भंता मैग्नेटाइट ब्लॉकों की संयुक्त ई-नीलामी की तैयारी अंतिम चरण में है। राज्य सरकार ने इन दोनों ब्लॉकों के लिए कुल ₹4325.76 करोड़ की आरक्षित राशि तय की है, जो यह दर्शाता है कि राज्य प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है और अब उन्हें आर्थिक संपदा में बदलने की दिशा में कदम उठा रहा है।

क्या है इन ब्लॉकों की विशेषता?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन संयुक्त ब्लॉकों में लगभग 54.89 मिलियन टन मैग्नेटाइट खनिज मौजूद होने की संभावना है। यह खनिज विशेष रूप से इस्पात और अन्य भारी उद्योगों के लिए उपयोगी होता है। अगर इसका सही उपयोग किया गया, तो यह राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक हो सकता है।

नीलामी प्रक्रिया में नया बदलाव

पहले, माजोस ब्लॉक के लिए आरक्षित राशि ₹3817.60 करोड़ और भंता के लिए ₹511.91 करोड़ तय की गई थी। लेकिन अब दोनों को मिलाकर ₹4325.76 करोड़ की आरक्षित राशि निर्धारित की गई है। यह एक रणनीतिक कदम है जिससे राज्य सरकार को बेहतर बोली मिलने की संभावना है।

रोहतास का चूना पत्थर ब्लॉक

इससे पहले जब रोहतास जिले के भोरा-कटोरा चूना पत्थर ब्लॉक की नीलामी की गई थी, तो वह पूरी तरह सफल रही थी। उस ब्लॉक के लिए ₹1761.42 करोड़ की आरक्षित राशि तय की गई थी, और इस प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया कि बिहार में खनिज संसाधनों की संभावनाएं व्यापक हैं। ज़रूरत है तो बस सही रणनीति और निष्पादन की।

बिहार के नागरिकों को फायदा

खनिज संपदा का दोहन केवल राज्य के खजाने को भरने का जरिया नहीं है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, और नवीन औद्योगिक निवेश का मार्ग भी खोल सकता है। खासकर जमुई जैसे क्षेत्र में, जहां औद्योगिक विकास की गति अपेक्षाकृत धीमी रही है, ऐसे प्रयासों से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर किया जा सकता है।

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