धरती की सबसे खतरनाक मिसाइल, अमेरिका नहीं रूस के पास!

न्यूज डेस्क। आज की वैश्विक सैन्य दौड़ में जब भी परमाणु ताकत की बात होती है, तो ज़हन में सबसे पहले अमेरिका का नाम आता है। लेकिन इस बार तस्वीर बदली हुई है। दुनिया की सबसे घातक परमाणु मिसाइल का खिताब अब अमेरिका की नहीं, बल्कि रूस की झोली में है। रूस की नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) RS-28 Sarmat, जिसे नाटो कोड में 'Satan II' कहा जाता है, ने दुनिया भर की सुरक्षा रणनीतियों को हिला कर रख दिया है।

'Satan II': नाम जितना डरावना

'Satan II' को रूसी सैन्य शब्दावली में "गेम चेंजर" कहा जा रहा है। यह मिसाइल अपनी भारी पेलोड क्षमता और लंबी मारक दूरी के कारण किसी भी महाद्वीप पर तबाही मचा सकती है। अनुमानित 18,000 किलोमीटर की रेंज के साथ यह पृथ्वी पर कहीं भी लक्ष्य साधने में सक्षम है। यह न केवल भारी संख्या में परमाणु हथियार ढो सकती है, बल्कि उन्नत तकनीक से लैस है जो इसे किसी भी आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बचने में मदद करती है।

तकनीकी ताकत का प्रदर्शन

RS-28 Sarmat की लंबाई करीब 35 मीटर और वजन 208 टन के आसपास है। इसे विशेष रूप से पुराने सोवियत मिसाइल R-36M को रिप्लेस करने के लिए तैयार किया गया है। इसकी असली ताकत छिपी है इसके MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) सिस्टम में, यानी यह एक साथ कई अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। इसके अलावा, Avangard जैसे हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल इसे और भी घातक बना देते हैं।

FOBS सिस्टम और ध्रुवीय रास्तों से हमला

Sarmat की सबसे खतरनाक विशेषताओं में से एक है इसकी क्षमता पारंपरिक रास्तों से हटकर हमले की। यह दोनों ध्रुवों उत्तरी और दक्षिणी से होकर अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है, जिससे यह पश्चिमी देशों की पारंपरिक रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इसमें FOBS (Fractional Orbital Bombardment System) तकनीक भी शामिल है, जिससे यह मिसाइल आंशिक कक्षा में जाकर अचानक हमला कर सकती है, जिससे इसे ट्रैक या इंटरसेप्ट करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

यह रूसी सेना में आधिकारिक रूप से शामिल

2018 में पहली बार दुनिया के सामने आने के बाद, अप्रैल 2022 में इसका पहला सफल परीक्षण हुआ। और फिर 2023 में इसे रूसी सेना में आधिकारिक रूप से शामिल कर लिया गया। अब यह न केवल रूस के परमाणु शस्त्रागार का अहम हिस्सा बन चुकी है, बल्कि दुनिया की सबसे लंबी दूरी की और सबसे ज्यादा पेलोड ले जाने वाली ICBM भी है।

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