लेजर हथियार में भारत की शानदार प्रगति, दुनिया हुई हैरान!

नई दिल्ली। भारत ने लेजर हथियारों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में 30 किलोवाट क्षमता वाला एक स्वदेशी लेजर हथियार विकसित किया है, जो 5 किलोमीटर तक की दूरी पर हवाई खतरों को प्रभावी ढंग से नष्ट करने में सक्षम है। यह सफलता न केवल भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाएगी, बल्कि देश को उच्च तकनीक हथियार प्रणालियों में आत्मनिर्भर भी बनाएगी।

30 किलोवाट लेजर हथियार की खासियतें

DRDO द्वारा विकसित यह लेजर हथियार ड्रोन, हेलीकॉप्टर, और मिसाइल जैसे हवाई खतरे को निशाना बना सकता है। इसकी अत्याधुनिक तकनीक इसे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए भी उपयुक्त बनाती है, जिससे दुश्मन के संचार नेटवर्क और उपग्रह संकेतों को बाधित किया जा सकता है। इस हथियार का परीक्षण सफलतापूर्वक किया जा चुका है, जिसमें फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट और ड्रोन को नष्ट किया गया।

स्वदेशी विकास से बढ़ी ताकत

यह हथियार पूरी तरह भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है, जो देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। रक्षा क्षेत्र में इस तरह की उन्नत तकनीक विकसित करने से भारत वैश्विक रक्षा बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकेगा।

DRDO द्वारा आगे के प्रयास

DRDO केवल लेजर हथियारों तक सीमित नहीं है। वह उच्च-ऊर्जा माइक्रोवेव सिस्टम और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) हथियारों के विकास पर भी काम कर रहा है, जो भविष्य की लड़ाइयों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। भारत की इस प्रगति से न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि यह वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी की रेस में भी भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।

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