क्या है इस प्रोजेक्ट की खासियत?
यह नया एलिवेटेड कॉरिडोर AIIMS/INA से शुरू होकर महिपालपुर बाइपास, नदिरा मार्ग, वसंत विहार, वसंत कुंज, अर्जनगढ़ होते हुए गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड तक जाएगा। यह कॉरिडोर दिल्ली-गुरुग्राम हाईवे (NH-48) के समानांतर बनेगा, जिससे मौजूदा हाईवे, महरौली-गुरुग्राम रोड और रिंग रोड्स पर ट्रैफिक का बोझ काफी हद तक कम होने की संभावना है।
ट्रैफिक डायवर्जन की रणनीति
आपको बता दें की इस कॉरिडोर के माध्यम से गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की ओर जाने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाएगा, जिससे मुख्य सड़कों पर भीड़भाड़ कम होगी। यह पूरा रास्ता सिग्नल-फ्री होगा, जो सफर को तेज और सुगम बनाएगा।
निर्माण की दिशा में कदम
NHAI ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिपोर्ट के लिए बोली आमंत्रित की जा चुकी है और उम्मीद है कि 15 अक्टूबर तक DPR तैयार हो जाएगी। फिलहाल इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 5,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है, हालांकि अंतिम लागत DPR के बाद ही तय होगी।
एयरपोर्ट कनेक्टिविटी और भविष्य की सोच
भविष्य में नोएडा/जेवर एयरपोर्ट के चालू होने से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव कम होगा, लेकिन गुरुग्राम की कनेक्टिविटी को मजबूत करना आज की जरूरत है। इस कॉरिडोर के माध्यम से न सिर्फ एयरपोर्ट, बल्कि पूरे एनसीआर की यात्रा और बेहतर हो सकती है।
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