इस प्रस्तावित लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 90.83 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण पर करीब 7488 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह मार्ग ताखा तहसील के कुदरैल गांव से शुरू होकर आगरा-लखनऊ और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जंक्शन से जुड़ेगा, फिर कन्नौज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद और शाहजहांपुर जिलों से होकर हरदोई के सवाइजपुर गांव में गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।
यह नया एक्सप्रेसवे नेटवर्क इटावा को उत्तर प्रदेश के परिवहन और आर्थिक नक्शे पर एक अहम केंद्र बनाएगा। इससे जिले में आवागमन में तेजी आएगी, जिससे व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। नए एक्सप्रेसवे से आसपास के जिलों में निवेश आकर्षित होंगे, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और युवा वर्ग के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।
पर्यटन के क्षेत्र में भी इस परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। बुंदेलखंड के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक बेहतर पहुंच से शाहजहांपुर, बरेली, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और पीलीभीत के पर्यटक आसानी से यात्रा कर सकेंगे। चित्रकूट, झांसी, बागेश्वर धाम और ओरछा जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल अब और अधिक सुलभ हो जाएंगे, जिससे पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी और स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
सरकार की योजना उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे राज्य के रूप में विकसित करने की है। आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे के बाद अब इन सभी मार्गों को जोड़ने वाले लिंक एक्सप्रेसवे पर तेजी से काम चल रहा है। इटावा में बनने वाला यह लिंक एक्सप्रेसवे प्रदेश के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
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