बिहार में "जमीन रैयतों" को बड़ी खुशखबरी!

पटना। बिहार सरकार द्वारा चलाया गया "राजस्व महा अभियान" अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, और यह राज्य के लाखों जमीन रैयतों के लिए राहत की खबर लेकर आया है। जिन लोगों ने दस्तावेज़ों में त्रुटियों को सुधारने के लिए आवेदन दिया था, उन्हें अब बहुत जल्द मोबाइल पर सुधार से संबंधित सूचना मिलने की उम्मीद है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर के मध्य से यह प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

क्या है राजस्व महा अभियान?

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलाया गया यह विशेष अभियान, भूमि दस्तावेज़ों की त्रुटियों को सुधारने और रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से अपडेट करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस दौरान रैयतों को दस्तावेज़ सुधार, नामांतरण, बंटवारा और ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए आवेदन देने का अवसर दिया गया।

भारी संख्या में आए आवेदन

अभियान की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुल 45 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से सबसे अधिक लगभग 33.7 लाख आवेदन जमाबंदी त्रुटियों से संबंधित थे। इसके अलावा, लगभग 5.74 लाख आवेदन ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए आए। उत्तराधिकार नामांतरण के लिए करीब 2.97 लाख और बंटवारा नामांतरण के लिए लगभग 2.51 लाख आवेदन दर्ज किए गए।

अब क्या होगा आगे?

विभाग द्वारा बनाए गए निर्देश के अनुसार, चौथे चरण में इन आवेदनों को संबंधित ऑनलाइन पोर्टलों पर अपलोड किया जा रहा है। इसके लिए शिविर प्रभारियों और कंप्यूटर ऑपरेटरों की टीम गठित कर दी गई है। जैसे ही आवेदन पोर्टल पर अपलोड हो जाएंगे, रैयतों के मोबाइल पर इसकी सूचना भेज दी जाएगी।

उसके बाद शुरू होगा पांचवा और अंतिम चरण, जिसमें दस्तावेजों में वास्तविक सुधार की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा। विभागीय सचिव जय सिंह ने स्पष्ट किया है कि महाअभियान समाप्त होने के बाद भी, यदि किसी दस्तावेज़ में कोई त्रुटि शेष रह जाती है, तो रैयत पूर्व की तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुधार हेतु आवेदन कर सकते हैं।

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