बिहारी टैलेंट: 2 घंटे की सलाह के लिए 11 करोड़ लेते हैं प्रशांत किशोर!

पटना। राजनीतिक रणनीतिकार से जन आंदोलन के नेता बने प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मुद्दा है पार्टी फंडिंग का पारदर्शी खुलासा और साथ ही सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं पर सीधा हमला। सोमवार, 29 सितंबर को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए, जो बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दे रहे हैं।

“बिहार के लड़के की ताकत है ये” -प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने प्रेस से बात करते हुए बताया कि उन्होंने एक कॉरपोरेट क्लाइंट नवयुगा कंस्ट्रक्शन को केवल दो घंटे की सलाह दी और उसके बदले कंपनी ने 11 करोड़ रुपये जन सुराज पार्टी को डोनेट किए। उनका कहना था, "ये बिहार के लड़के की ताकत है। हम चोरी नहीं करते, ये सरस्वती की कमाई है।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस फंडिंग में कोई अनियमितता नहीं है और सभी रकम विधिवत पार्टी के खाते में डोनेट की गई है। उन्होंने आरोप लगाने वालों को करारा जवाब देते हुए कहा कि वे न सिर्फ सलाह देकर पैसा कमाते हैं, बल्कि उसकी पारदर्शिता भी जनता के सामने रखते हैं।

पार्टी फंडिंग का 'खुला' मॉडल

इस प्रेस वार्ता में पीके ने अपनी पार्टी की फंडिंग को लेकर वर्षों से उठते सवालों का जवाब भी दिया। उन्होंने बताया कि जन सुराज का पूरा फंड उनकी खुद की कमाई से आता है, जो उन्होंने राजनीतिक कंसल्टिंग और कॉरपोरेट सलाह के ज़रिए अर्जित की है। उन्होंने कहा की "हमने पिछले तीन सालों में 241 करोड़ रुपये की फीस ली है। इसमें से लगभग 31 करोड़ GST और 20 करोड़ इनकम टैक्स के रूप में सरकार को दे चुके हैं।"

सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने जन सुराज को अब तक अपने निजी अकाउंट से 98 करोड़ रुपये दान करने की बात भी स्वीकार की। यह अपने आप में भारतीय राजनीति में फंडिंग के तरीके को लेकर एक मिसाल के रूप में देखा जा सकता है।

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