केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट: आज है अंतिम मौका!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आ रही है। आज वो अंतिम दिन है जब कर्मचारियों को यह तय करना होगा कि वे मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बने रहेंगे या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को चुनेंगे। यह निर्णय न केवल उनके रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्थिरता को प्रभावित करेगा, बल्कि भविष्य की वित्तीय योजनाओं की दिशा भी तय करेगा।

क्या है NPS और UPS में अंतर?

NPS (National Pension System) एक बाजार आधारित पेंशन योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान एक फंड में जाता है। इस फंड को बाजार में निवेश किया जाता है, जिससे रिटर्न मिलते हैं। इसका मतलब यह है कि निवेश पर लाभ तो अधिक हो सकता है, लेकिन बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण इसमें जोखिम भी बना रहता है।

UPS (Unified Pension Scheme) एक नई योजना है जिसे हाल ही में सरकार द्वारा लागू किया गया है। इस योजना में कर्मचारियों को गारंटीड न्यूनतम पेंशन का आश्वासन दिया गया है, और यह पेंशन महंगाई भत्ते (DA) से भी जुड़ी होगी। यानी रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन में नियमित बढ़ोतरी संभव है, जिससे जीवनयापन आसान हो सकेगा।

विकल्प चुनने के नियम और शर्तें

सरकार और PFRDA (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) ने इस स्विच को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बता दें की UPS से NPS में स्विच करने का विकल्प जीवन में सिर्फ एक बार मिलेगा। लेकिन एक बार यदि NPS में लौट आए, तो वापस UPS में जाना संभव नहीं होगा।

आज यानी 30 सितंबर 2025 तक निर्णय लेना जरूरी है। यदि कोई कर्मचारी विकल्प नहीं चुनता, तो उसे स्वतः UPS में शामिल मान लिया जाएगा। वहीं, जिन कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है, या जिन्हें सजा स्वरूप हटाया गया है, वे इस विकल्प का लाभ नहीं उठा सकते। जबकि नए कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच नियुक्त हुए हैं और NPS का चुनाव कर चुके हैं, उन्हें भी UPS में स्विच करने का आज अंतिम मौका दिया गया है।

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