अब मिलेगा 60 हजार रुपये का अनुदान
वर्तमान में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही विवाह अनुदान योजना के तहत पात्र परिवारों को उनकी बेटियों की शादी के लिए 20 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। यह लाभ केवल उन परिवारों को मिलता है जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम हो।
हालांकि, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में यह राशि पहले ही बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है, जिसमें से 60 हजार रुपये वधू के बैंक खाते में सीधे भेजे जाते हैं और 25 हजार रुपये का उपहार भी नवविवाहित जोड़े को दिया जाता है। इसके बाद यह मांग उठी कि पिछड़ा वर्ग की शादी अनुदान योजना की राशि भी बढ़ाई जाए। इसी क्रम में अब इसे 60 हजार रुपये करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
कौन होंगे लाभार्थी?
इस योजना का लाभ केवल अन्य पिछड़ा वर्ग के उन परिवारों को मिलेगा, जिनकी आय एक लाख रुपये प्रतिवर्ष से अधिक नहीं है। साथ ही एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों की शादी के लिए ही यह अनुदान दिया जाएगा। आवेदकों को आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
हालांकि, विधवा या निराश्रित महिलाएं यदि इस योजना के लिए आवेदन करती हैं, तो उन्हें आय प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रावधान विशेष रूप से उन महिलाओं को राहत देने के उद्देश्य से जोड़ा गया है जो पहले से ही सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में हैं। इस योजना के लागू होने से लाखों ओबीसी परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा और बेटियों की शादी अब एक बोझ नहीं, बल्कि एक उत्सव बन सकेगी।
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