क्या है अंजीर फल विकास योजना?
इस योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य बिहार में अंजीर जैसे मूल्यवान फल की खेती को बढ़ावा देना है। वर्तमान में राज्य के अधिकांश किसान पारंपरिक फसलों पर निर्भर हैं, जिससे उनकी आमदनी सीमित रहती है। अंजीर की खेती एक लाभकारी विकल्प बन सकती है, खासतौर पर उन किसानों के लिए जो नवाचार और बागवानी की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं।
किसानों को कितनी मिलेगी सब्सिडी?
सरकार ने अंजीर की खेती की प्रति हेक्टेयर लागत 1.25 लाख रुपये निर्धारित की है। इस लागत पर 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा, यानी किसान को ₹50,000 तक की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी दो चरणों में किसानों को दी जाएगी: पहली किश्त: चालू वित्त वर्ष (2025-26) में ₹30,000, दूसरी किश्त: अगले वर्ष (2026-27) में ₹20,000, यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और तेज़ बन सके।
किन जिलों के किसान उठा सकते हैं लाभ?
यह योजना बिहार के लगभग सभी प्रमुख जिलों में लागू की गई है, जिनमें शामिल हैं: अरवल, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, पटना, नालंदा, सारण, सीवान, गोपालगंज, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, मधेपुरा, सुपौल, भागलपुर, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए वेबसाइट: http://horticulture.bihar.gov.in
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