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खजूर सेहतमंद, पर कितने खाएं रोज? जानें सही मात्रा

हेल्थ डेस्क। खजूर एक ऐसा सुपरफूड है जो पोषण से भरपूर होता है। इसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, और एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे आवश्यक तत्व पाए जाते हैं। यही वजह है कि खजूर को ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। खासकर सर्दियों में खजूर का सेवन शरीर को गर्म रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन सवाल यह है कि खजूर जितना फायदेमंद है, क्या उसे रोजाना किसी भी मात्रा में खाया जा सकता है? या इसकी भी एक सीमित मात्रा होनी चाहिए?

रोज कितने खजूर खाने चाहिए?

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 2 से 4 खजूर खाने चाहिए। यह मात्रा उम्र, शरीर की जरूरतों और स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर: व्यायाम करने वाले या मेहनतकश लोगों को दिन में 4–6 खजूर तक की अनुमति दी जा सकती है, क्योंकि उन्हें ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है। जबकि, वजन कम करने वालों को खजूर की मात्रा 1–2 तक सीमित रखनी चाहिए, ताकि अतिरिक्त कैलोरी से बचा जा सके।

कब और कैसे खाएं खजूर?

खजूर सुबह खाली पेट खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और मेटाबोलिज़्म तेज होता है। कुछ लोग इसे दूध के साथ लेना पसंद करते हैं, जिससे इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है। खजूर को नाश्ते में, मिड-मील स्नैक के तौर पर या फिर वर्कआउट के बाद लिया जा सकता है। रात को सोने से ठीक पहले खजूर खाने से बचना चाहिए, खासकर अगर आपको गैस या एसिडिटी की समस्या है।

खजूर के फायदे

1 .एनर्जी बूस्टर: खजूर प्राकृतिक शक्कर से भरपूर होता है, जो तुरंत ऊर्जा देता है।

2 .पाचन में सहायक: इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करता है।

3 .हड्डियों के लिए फायदेमंद: इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है।

4 .रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: खजूर में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।

GSSSB भर्ती 2025: 260+ पदों के लिए आवेदन

अहमदाबाद। गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (GSSSB) ने वर्ष 2025 के लिए नेत्र सहायक (Ophthalmic Assistant) के कुल 261 पदों पर भर्ती हेतु अधिसूचना जारी की है। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 11 अगस्त 2025 से शुरू होगी और 25 अगस्त 2025 तक चलेगी। इच्छुक और पात्र अभ्यर्थी GSSSB की आधिकारिक वेबसाइट gsssb.gujarat.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

शैक्षिक योग्यता:

इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास निम्न में से कोई एक योग्यता होना अनिवार्य है: ऑप्थैल्मिक असिस्टेंट में डिप्लोमा, बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री (B.Optom)

आयु सीमा:

इन पदों पर आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु: 18 वर्ष, अधिकतम आयु: 35 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गों को आयु में छूट दी जाएगी।

वेतनमान:

चयनित उम्मीदवारों को प्रारंभिक वेतन ₹40,800/- प्रति माह मिलेगा।

आवेदन प्रक्रिया:

GSSSB की आधिकारिक वेबसाइट gsssb.gujarat.gov.in पर जाएं। भर्ती अनुभाग में जाकर "Ophthalmic Assistant Recruitment 2025" लिंक पर क्लिक करें। आवश्यक विवरण भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें। आवेदन शुल्क (यदि लागू हो) का भुगतान करें। आवेदन पत्र सबमिट कर उसकी एक प्रति डाउनलोड कर सुरक्षित रखें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 25 अगस्त 2025

बिहार में सरकारी कर्मियों को मिलेगी खुशखबरी

पटना। बिहार में कार्यरत लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह साल त्योहारों से पहले एक बड़ी राहत लेकर आ सकता है। जनवरी 2025 से लागू दो प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) वृद्धि के बाद अब जुलाई से इसमें तीन प्रतिशत और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। यदि ऐसा होता है, तो वर्तमान में मिल रहा 55% डीए बढ़कर 58% हो जाएगा।

क्यों मिल रहा है केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता?

बिहार सरकार अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन देती है। इसी वजह से राज्य के कर्मियों को भी वही महंगाई भत्ता मिलता है जो केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को देती है। केंद्र सरकार साल में दो बार — जनवरी और जुलाई — में डीए में संशोधन करती है, और बिहार सरकार उसी दर को कुछ समय बाद लागू करती है।

डीए वृद्धि की वजह क्या है?

महंगाई भत्ता और महंगाई राहत (Dearness Relief - DR) की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) पर आधारित होती है, जो औद्योगिक श्रमिकों के लिए तय किया जाता है। जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार इस सूचकांक में 1.0 अंक की बढ़त हुई है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि डीए में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी तय है।

कब होगी घोषणा?

मीडिया के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते की घोषणा सितंबर या अक्टूबर 2025 में की जा सकती है, और वह जुलाई से प्रभावी मानी जाएगी। उसके कुछ ही दिनों बाद बिहार सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए यही दर लागू करेगी। यह फैसला संभवतः दशहरा और दीपावली के आसपास घोषित किया जाएगा, जिससे त्योहारों से पहले कर्मचारियों को अतिरिक्त राहत और उत्साह दोनों मिलेगा।

यूपी में इन स्कूलों पर होगी कार्रवाई, आदेश जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग ने एक बार फिर बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। निदेशालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे सभी विद्यालयों की सूची तैयार कर 15 अगस्त तक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजी जाए। यदि इस आदेश की अवहेलना की गई या किसी जिले में ऐसे स्कूल संचालन करते पाए गए, तो वहां के बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) और बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी माना जाएगा।

यह कदम दिखाता है कि राज्य सरकार अब शिक्षा की गुणवत्ता और संस्थागत जवाबदेही को लेकर सतर्क है। वर्षों से यह देखने में आता रहा है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिना किसी वैधानिक मान्यता के निजी स्कूल धड़ल्ले से चल रहे हैं। इन स्कूलों में न तो योग्य शिक्षक होते हैं, न ही आवश्यक आधारभूत सुविधाएं। फिर भी माता-पिता मजबूरी में वहां अपने बच्चों को पढ़ाते हैं, क्योंकि सरकारी स्कूलों में कभी शिक्षकों की कमी तो कभी बुनियादी सुविधाओं की अनुपलब्धता रहती है।

शिक्षा विभाग का यह मानना बिल्कुल सही है कि बिना मान्यता के स्कूलों में बच्चों की शिक्षा और भविष्य दोनों ही खतरे में होते हैं। ये संस्थान शिक्षा को व्यापार बना देते हैं, जहां गुणवत्ता से ज्यादा कमाई पर ध्यान होता है। बच्चों को न तो सही मार्गदर्शन मिलता है और न ही वे राष्ट्रीय शिक्षा मानकों के अनुरूप शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं।

हालांकि, चिंता का विषय यह है कि पहले भी इस प्रकार के आदेश जारी किए गए थे, जैसे 1 जुलाई को भेजे गए निर्देश, जिसमें 15 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बावजूद प्रदेश के अधिकांश जिलों ने समय पर रिपोर्ट नहीं भेजी। यह विभागीय उदासीनता और प्रणालीगत लापरवाही को उजागर करता है। अब जब दोबारा अंतिम चेतावनी दी गई है, तो देखना होगा कि यह आदेश कागजों से बाहर आकर वास्तविकता में कितना असर डालता है।

IOCL भर्ती 2025: 470+ पदों पर करें आवेदन

नई दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने 2025 के लिए अप्रेंटिस पदों पर बड़ी भर्ती का ऐलान किया है। IOCL की मार्केटिंग डिवीजन, साउदर्न रीजन में कुल 475 पदों पर अप्रेंटिस नियुक्त किए जाएंगे। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 8 अगस्त 2025 से 5 सितंबर 2025 तक IOCL की आधिकारिक वेबसाइट www.iocl.com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

विभिन्न पदों का विवरण:

ट्रेड अप्रेंटिस – 80 पद

टेक्नीशियन अप्रेंटिस – 95 पद

ग्रेजुएट अप्रेंटिस – 300 पद

यह भर्ती आईटीआई, डिप्लोमा और ग्रेजुएट योग्यता रखने वाले युवाओं के लिए एक बेहतरीन मौका है, जिससे उन्हें देश की प्रतिष्ठित सार्वजनिक उपक्रम कंपनी में प्रशिक्षण का अनुभव मिलेगा।

आयु सीमा (31 अगस्त 2025 तक):

इन पदों पर आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु – 18 वर्ष, अधिकतम आयु – 24 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। आरक्षित वर्गों को केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी।

पात्रता:

ट्रेड अप्रेंटिस पद के लिए उम्मीदवार के पास संबंधित ट्रेड में ITI सर्टिफिकेट होना चाहिए। टेक्नीशियन अप्रेंटिस पद के लिए संबंधित विषय में डिप्लोमा अनिवार्य है। ग्रेजुएट अप्रेंटिस के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री आवश्यक है।

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवार www.iocl.com पर जाकर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड करना अनिवार्य होगा।

हर उम्र के व्यक्ति को कराने चाहिए ये 7 हेल्थ टेस्ट!

हेल्थ डेस्क। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अकसर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। हम तब तक डॉक्टर के पास नहीं जाते जब तक कोई बड़ी तकलीफ़ न हो जाए। लेकिन यह आदत हमारी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो कुछ मेडिकल टेस्ट ऐसे हैं, जो हर उम्र के व्यक्ति को नियमित रूप से कराने चाहिए, ताकि बीमारियों की शुरुआती पहचान हो सके और समय पर इलाज शुरू किया जा सके।

1. ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) जांच

उम्र बढ़ने के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आम होती जा रही है। यह एक 'साइलेंट किलर' है, जो बिना लक्षणों के दिल, किडनी और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराना बेहद जरूरी है।

2. ब्लड शुगर टेस्ट (Fasting/PP Glucose Test)

डायबिटीज़ एक तेजी से फैलती बीमारी बन चुकी है। इसका समय रहते पता चलना जरूरी है। यदि परिवार में किसी को डायबिटीज़ है, तो यह टेस्ट और भी जरूरी हो जाता है।

3. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Cholesterol Test)

यह टेस्ट शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को मापता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों की प्रमुख वजह है। नियमित जांच से हृदय रोगों से बचाव संभव है।

4. CBC (Complete Blood Count)

इस बेसिक ब्लड टेस्ट से शरीर में खून की मात्रा, इंफेक्शन, एनीमिया आदि की जानकारी मिलती है। यह संपूर्ण स्वास्थ्य की शुरुआती जांच के लिए जरूरी है।

5. लीवर और किडनी फंक्शन टेस्ट (LFT/KFT)

आजकल बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान के चलते लीवर और किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इन दोनों अंगों की कार्यप्रणाली जांचना बेहद जरूरी है।

6. विटामिन D और B12 की जांच

शरीर की इम्यूनिटी और एनर्जी के लिए विटामिन D और B12 का स्तर संतुलित होना चाहिए। इसकी कमी से थकान, कमजोरी, हड्डियों में दर्द और मानसिक थकावट जैसे लक्षण हो सकते हैं।

7. थायरॉइड प्रोफाइल (TSH, T3, T4)

थायरॉइड हार्मोन असंतुलन से वजन बढ़ना, बाल झड़ना, डिप्रेशन और महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसकी जांच बहुत जरूरी है, खासकर महिलाओं के लिए।

बिहार में भूमि रिकॉर्ड सुधार के लिए घर-घर दस्तक

नवादा। बिहार सरकार ने भूमि विवादों के स्थायी समाधान और राजस्व सेवाओं को अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से एक विशेष राजस्व महाअभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मूल उद्देश्य राज्य के भूमि रिकॉर्ड में व्याप्त अशुद्धियों को दूर करना और नागरिकों को उनकी भूमि से जुड़ी समस्याओं का घर-घर जाकर समाधान प्रदान करना है।

यह अभियान एक तीन-चरणीय प्रक्रिया के अंतर्गत संचालित किया जाएगा, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि सभी गतिविधियां संगठित, प्रभावी और नागरिक हित में हों।

तीन चरणों में चलेगा अभियान

प्रथम चरण (18 जुलाई – 14 अगस्त): तैयारी और योजना

इस प्रारंभिक चरण में अभियान की रणनीति तय की जाएगी। अधिकारियों द्वारा क्षेत्रवार समीक्षा, आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था और कर्मचारियों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। साथ ही, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इसके प्रति सतर्क किया जाएगा।

द्वितीय चरण (16 अगस्त – 20 सितंबर): जमीनी कार्यवाही

यह चरण सबसे महत्वपूर्ण है, जहां घर-घर जाकर भूमि से संबंधित शिकायतें, दस्तावेजों की जांच और नागरिकों के आवेदन लिए जाएंगे। मौके पर ही विवादों के प्राथमिक समाधान की कोशिश की जाएगी। यह चरण जनता और प्रशासन के बीच संवाद को मजबूत करने वाला होगा।

तृतीय चरण (21 सितंबर – 30 अक्टूबर): समीक्षा और निष्पादन

अंतिम चरण में प्राप्त आवेदनों और शिकायतों की अनुवर्ती जांच और लंबित मामलों के समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अंतर्गत न केवल फॉलो-अप किया जाएगा, बल्कि जिन मामलों में निर्णय नहीं हो सका, उनके त्वरित निष्पादन के लिए समीक्षा बैठकों का आयोजन भी किया जाएगा।

प्रशासनिक निर्देश और नागरिकों की भागीदारी

राज्य सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे समन्वय बनाकर तेजी से समाधान सुनिश्चित करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी नागरिक भूमि रिकॉर्ड सुधार की प्रक्रिया से वंचित न रह जाए। यह अभियान केवल एक प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि जनभागीदारी का एक उदाहरण बनने की दिशा में अग्रसर है।

AIIMS Vacancy 2025: 3500 पदों के लिए 11 तक आवेदन

नई दिल्ली। अगर आपने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी कर ली है और अब एक प्रतिष्ठित संस्थान में नौकरी करना चाहते हैं, तो आपके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) शानदार अवसर लेकर आया है। AIIMS ने नर्सिंग ऑफिसर की भर्ती के लिए NORCET 9 परीक्षा की घोषणा की है। इस भर्ती अभियान के तहत देशभर के AIIMS संस्थानों में कुल 3500 पद भरे जाएंगे।

पात्रता (Eligibility)

नर्सिंग ऑफिसर पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को निम्नलिखित योग्यताएं पूरी करनी होंगी: मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से B.Sc (Hons) Nursing या B.Sc Nursing की डिग्री। 

आयु सीमा (Age Limit)

न्यूनतम आयु: 18 वर्ष, अधिकतम आयु: 30 वर्ष, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट प्रदान की जाएगी।

वेतनमान (Salary)

चयनित अभ्यर्थियों को पे-बैंड ₹9300 – ₹34,800 और ग्रेड पे ₹4,600 के अनुसार वेतन दिया जाएगा। यह एक स्थायी सरकारी नौकरी है, जिसमें सभी भत्ते और प्रमोशन की सुविधा होगी।

चयन प्रक्रिया (Selection Process)

नर्सिंग ऑफिसर पद के लिए चयन इन चरणों के आधार पर होगा: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains), दस्तावेज़ सत्यापन (Document Verification) आदि। 

आवेदन शुल्क (Application Fees)

सामान्य / ओबीसी के लिए आवेदन शुल्क ₹3000, एससी / एसटी / ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन शुल्क ₹2400, पीडब्ल्यूडी के लिए निशुल्क

आवेदन की अंतिम तिथि

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 11 अगस्त 2025

यूपी में 'सभी महिलाओं' को डबल खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर प्रदेश की बहनों को एक बड़ी सौगात दी है। इस बार राखी का त्योहार महिलाओं के लिए और भी खास बनने जा रहा है, क्योंकि पहली बार राज्य में महिलाओं को रोडवेज बसों में तीन दिन तक निश्शुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है। यही नहीं, उनके साथ एक सहयात्री को भी यह सुविधा मिलेगी, जो इस योजना को और भी व्यावहारिक और सहायक बनाता है।

यात्रा की अवधि और सुविधा का विस्तार

सरकार द्वारा घोषित योजना के अनुसार, 8 अगस्त की सुबह 6 बजे से लेकर 10 अगस्त की रात 12 बजे तक महिलाओं को यूपी राज्य परिवहन निगम (UPSRTC) की सभी श्रेणियों की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। इसमें जनरथ, साधारण, एसी, शताब्दी जैसी सभी बसें शामिल होंगी। रक्षाबंधन इस बार 9 अगस्त को शनिवार को पड़ रहा है, और 10 अगस्त रविवार होने के कारण महिलाओं के पास पूरे तीन दिन अपने मायके या अन्य स्थानों तक यात्रा करने का समय मिलेगा, वो भी बिना किराया चुकाए।

सहयात्री को भी लाभ

इस योजना की एक खास बात यह है कि महिलाओं के साथ यात्रा करने वाले एक सहयात्री को भी मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी होगा जो अपने बच्चों या बुजुर्गों के साथ यात्रा करना चाहती हैं।

अतिरिक्त बसों की व्यवस्था

यात्रा में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए परिवहन विभाग ने 7 से 12 अगस्त तक अधिकतम बसों को सड़कों पर उतारने का निर्णय लिया है। परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने जानकारी दी कि इस दौरान यात्रियों की संख्या के अनुसार अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी, ताकि किसी को खड़े होकर यात्रा न करनी पड़े और समय पर गंतव्य तक पहुंचा जा सके। 

सामाजिक और भावनात्मक पहलू

यह कदम केवल यात्रा सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को सम्मान और सुविधा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है जिसमें बहनें अपने भाइयों से मिलने के लिए दूर-दराज के सफर तय करती हैं। इस पहल से उन महिलाओं को भी राहत मिलेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या अपने बच्चों के साथ अकेले सफर करने से हिचकिचाती थीं।

यूपी में "सस्ते आवास" का तोहफा, जनता को बड़ी खुशखबरी

आगरा। उत्तर प्रदेश की जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च की गई अटलपुरम टाउनशिप योजना अब आगरा के आम लोगों को सस्ते आवास का सपना साकार करने का मौका दे रही है। यह योजना खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।

योजना का स्थान और कनेक्टिविटी

अटलपुरम टाउनशिप को आगरा-ग्वालियर हाईवे पर ककुआ और भांडई गांवों के बीच विकसित किया जा रहा है। यह इलाका न केवल आगरा के प्रमुख स्थलों के करीब है, बल्कि शानदार कनेक्टिविटी भी प्रदान करता है: इसकी ताजमहल से दूरी मात्र 12 किमी, जबकि आगरा एयरपोर्ट से दूरी 15 किमी हैं। 

आवेदन प्रक्रिया

शुरुआत: पंजीकरण शुक्रवार से शुरू होंगे।

माध्यम: सिर्फ ऑनलाइन आवेदन मान्य होंगे।

वेबसाइट्स: www.adaagra.org.in, https://janhit.upda.in

पंजीकरण शुल्क: ₹1100 ब्रोशर शुल्क, साथ में भूखंड मूल्य का 10% (सामान्य वर्ग) या 5% (आरक्षित वर्ग) अग्रिम राशि। लॉटरी प्रणाली के माध्यम से ही भूखंड आवंटित किए जाएंगे। यह प्रक्रिया पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है।

आरक्षण नीति

सरकार द्वारा सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए भूखंडों के लिए विशेष आरक्षण तय किया गया है: SC – 21%, ST – 2%, OBC – 27%, सांसद, विधायक, स्वतंत्रता सेनानी परिवार – 5%, सरकारी और सुरक्षा सेवा में 50+ आयु कर्मचारी – 5%, स्थानीय निकाय कर्मचारी (जैसे आवास विकास, नगर निगम) – 2%, दिव्यांगजन – 5% (क्षैतिज आरक्षण), वरिष्ठ नागरिक – 10% (क्षैतिज आरक्षण)

भूखंडों का विवरण और मूल्य निर्धारण

सेक्टर-1 में कुल 322 भूखंड ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये भूखंड विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत वर्गीकृत किए गए हैं:

EWS (33-40 वर्ग मीटर) – कुल भूखंड: 81, दर: ₹29,500 प्रति वर्गमीटर, आरक्षित वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹59,000, सामान्य वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹1,18,000

LIG (41-50 वर्ग मीटर) – कुल भूखंड: 78, दर: ₹29,500 प्रति वर्गमीटर, आरक्षित वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹73,750, सामान्य वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹1,47,500

MIG-1 (51-75 वर्ग मीटर) – कुल भूखंड: 75, दर: ₹29,500 प्रति वर्गमीटर, आरक्षित वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹1,10,625, सामान्य वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹2,21,250

MIG-3 (101-150 वर्ग मीटर) – कुल भूखंड: 80, दर: ₹29,500 प्रति वर्गमीटर, आरक्षित वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹2,21,250, सामान्य वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹4,42,500

HIG (151-300 वर्ग मीटर) – कुल भूखंड: 8, दर: ₹29,500 प्रति वर्गमीटर, आरक्षित वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹4,42,500, सामान्य वर्ग पंजीकरण शुल्क: ₹8,85,000

NIACL भर्ती 2025: 500+ पदों पर करें आवेदन

नई दिल्ली। The New India Assurance Company Limited (NIACL) ने अपने 2025 के प्रशासनिक अधिकारी (Administrative Officers) के लिए भर्तियों की घोषणा कर दी है। इस बार NIACL कुल 550 पदों पर भर्ती करेगा। जिन उम्मीदवारों ने किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त कर रखी है, वे इस भर्ती प्रक्रिया में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियाँ:

NIACL भर्ती 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 7 अगस्त 2025 से शुरू होकर 30 अगस्त 2025 तक चलेगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन की अंतिम तिथि से पहले ही अपनी आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लें ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या से बचा जा सके। आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट ibpsonline.ibps.in पर जाना होगा।

पदों की संख्या और योग्यता:

NIACL ने प्रशासनिक अधिकारी के कुल 550 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। इस पद के लिए न्यूनतम योग्यता किसी भी क्षेत्र में स्नातक की डिग्री है, जिससे व्यापक संख्या में युवा इस भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकें।

आयु सीमा:

इस भर्ती के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष निर्धारित की गई है। आयु की गणना अंतिम तिथि यानी 30 अगस्त 2025 को आधार मानकर की जाएगी। आयु सीमा में छूट संबंधित सरकारी नियमों के अनुसार लागू होगी।

NIACL भर्ती का महत्व:

The New India Assurance Company Limited, भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी है। यहां प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिलने पर उम्मीदवारों को स्थिरता, सम्मानित नौकरी के साथ-साथ अच्छे वेतन और भत्ते भी मिलते हैं।

कैसे करें आवेदन?

NIACL की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें। आवेदन शुल्क जमा करें (शुल्क की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी)। फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरने के बाद उसकी एक प्रति डाउनलोड और प्रिंट कर लें। सभी निर्देशों का पालन करें और आवेदन अंतिम तिथि से पहले सबमिट करें।

बिहार में अब 'तकनीकी सहायक' की भर्ती, सैलरी 20 हजार

पटना। बिहार के छात्रों और तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाने वालों के लिए एक बड़ी अवसर है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (IIT Patna) ने तकनीकी सहायक के पद पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 9 अगस्त 2025 है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार जल्द से जल्द आवेदन करें, क्योंकि चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगी।

पद का विवरण और योग्यता:

तकनीकी सहायक के लिए कुल 1 पद है। इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार के पास कम से कम B.Sc. या इंजीनियरिंग एवं तकनीकी क्षेत्र में डिप्लोमा होना अनिवार्य है। पद पर नियोजन बिहार में होगा और वेतन ₹20,000 प्रतिमाह मिलेगा।

चयन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। सफल उम्मीदवारों को IIT पटना के मेटलर्जिकल और मैटेरियल इंजीनियरिंग विभाग में नियुक्त किया जाएगा।

आवेदन कैसे करें:

इच्छुक उम्मीदवार अपने अपडेटेड रिज्यूमे के साथ आवेदन 9 अगस्त 2025 तक ईमेल के माध्यम से (anup@iitp.ac.in) प्राचार्य अन्वेषक को भेज सकते हैं। इसके बाद 11 अगस्त 2025 को ऑफलाइन/ऑनलाइन इंटरव्यू आयोजित किया जाएगा। इंटरव्यू में उम्मीदवारों को अपनी सभी मूल प्रमाण पत्र, मार्कशीट और डिग्री लेकर उपस्थित होना होगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

आवेदन की अंतिम तिथि: 9 अगस्त 2025

इंटरव्यू तिथि: 11 अगस्त 2025

आधिकारिक वेबसाइट: www.iitp.ac.in

यूपी में आई बंपर भर्ती: युवाओं के लिए खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में रोजगार की चाह रखने वाले युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने एलटी ग्रेड शिक्षक के 7466 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह अवसर उन सभी स्नातक उम्मीदवारों के लिए है, जिनके पास बी.एड, बी.एससी, बी.टेक या बीई जैसी मान्यता प्राप्त डिग्री है।

आवेदन की शुरुआत और अंतिम तिथि

आवेदन प्रक्रिया 28 जुलाई 2025 से शुरू होकर 28 अगस्त 2025 तक चलेगी। इच्छुक उम्मीदवार यूपीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट uppsc.up.nic.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन करते समय सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक तैयार रखें और निर्धारित समय सीमा से पहले आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लें।

आवेदन शुल्क

आवेदन शुल्क सामान्य और ओबीसी/विवीसी उम्मीदवारों के लिए 125 रुपये, एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 65 रुपये तथा दिव्यांग (पीएच) उम्मीदवारों के लिए मात्र 25 रुपये है। इस शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है।

योग्यता और अवसर

यह भर्ती उन सभी योग्य उम्मीदवारों के लिए है, जिन्होंने स्नातक की डिग्री के साथ बी.एड, बी.एससी, बी.टेक या बीई की डिग्री प्राप्त की है। शिक्षकों की इस भर्ती से न केवल लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। एलटी ग्रेड शिक्षक का पद प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कैसे करें आवेदन?

यूपीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर जाएं।

भर्ती की सूचना पर क्लिक करें और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें।

आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन शुल्क जमा करें।

आवेदन फॉर्म का प्रिंटआउट लेकर भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।

रोज 1 चम्मच मोरिंगा पाउडर: ये 5 बीमारियां होगी दूर

हेल्थ डेस्क। आज के समय में सेहत को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। लोग प्राकृतिक उपायों की ओर रुख कर रहे हैं ताकि बिना साइड इफेक्ट्स के स्वस्थ जीवन जी सकें। ऐसे में मोरिंगा पाउडर एक चमत्कारी प्राकृतिक उत्पाद के रूप में उभरा है। रोजाना 1 चम्मच मोरिंगा पाउडर खाने से शरीर को अनेक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं और कई बीमारियां दूर होती हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन सी 5 प्रमुख बीमारियां मोरिंगा पाउडर के सेवन से खत्म या नियंत्रित की जा सकती हैं।

1. डायबिटीज (मधुमेह)

मोरिंगा में प्राकृतिक गुण होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। नियमित सेवन से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है और रक्त में शर्करा का स्तर स्थिर रहता है।

2. हाई ब्लड प्रेशर

मोरिंगा में पोटैशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं। इससे हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है।

3. गठिया और जोड़ों के दर्द

मोरिंगा में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) गुण होते हैं। ये गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक होते हैं।

4. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण

मोरिंगा के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम होता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) बढ़ता है। यह दिल की बीमारियों से सुरक्षा करता है।

5. पाचन संबंधी समस्याएं

मोरिंगा पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है। यह कब्ज, गैस और पेट के अन्य विकारों को दूर करता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है।

कैसे करें सेवन?

रोजाना सुबह या शाम 1 चम्मच मोरिंगा पाउडर को गुनगुने पानी, छाछ या जूस के साथ लें। इसे नियमित रूप से 21 दिनों तक सेवन करें और आप खुद फर्क महसूस करेंगे।

'काजू' खाते हैं रोज? जानिए कितनी मात्रा है सही

हेल्थ डेस्क। काजू स्वाद में जितना लाजवाब है, सेहत के लिहाज़ से भी उतना ही फायदेमंद है। ड्राय फ्रूट्स की दुनिया में काजू को अक्सर लग्ज़री स्नैक माना जाता है, जो न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व भी देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि काजू की अधिक मात्रा से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है?

काजू में क्या होता है ख़ास?

काजू में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। ये सभी तत्व शरीर को ऊर्जा देने, हड्डियों को मजबूत करने, त्वचा को निखारने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, काजू में मौजूद मोनो-सैचुरेटेड फैट्स हृदय के लिए फायदेमंद होते हैं और वजन नियंत्रित रखने में मदद करते हैं — बशर्ते इसे सीमित मात्रा में खाया जाए।

रोज कितने काजू खाने चाहिए?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि एक व्यस्क व्यक्ति को रोज़ाना 4 से 6 काजू खाने चाहिए। यह मात्रा शरीर को ज़रूरी पोषण देने के लिए पर्याप्त मानी जाती है। यदि आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं या डाइट पर हैं, तो 4 काजू ही पर्याप्त हैं। वहीं, अगर आपका मेटाबॉलिज्म तेज़ है या आपको अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत है, तो 5-6 काजू खा सकते हैं।

काजू खाने के क्या है फायदे?

1 .दिमाग के लिए फायदेमंद: काजू में मौजूद मैग्नीशियम और अच्छे फैट्स दिमाग की कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं। यह मेमोरी बढ़ाने और मानसिक थकावट को कम करने में सहायक होता है।

2 .हृदय स्वास्थ्य को बनाए मजबूत: काजू में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखते हैं और हृदय रोगों का खतरा कम करते हैं।

3 .हड्डियों को बनाए मजबूत: काजू कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद करता है।

4 .आंखों की रोशनी बढ़ाए: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन आंखों को UV किरणों से बचाते हैं और दृष्टि को बेहतर बनाते हैं।

5 .त्वचा को बनाएं चमकदार: काजू में कॉपर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को चमकदार बनाने, झुर्रियों को कम करने और एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करते हैं।

सभी 'केंद्रीय कर्मचारियों' के लिए बड़ी खुशखबरी

नई दिल्ली। देशभर के लगभग 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से जिस खबर का इंतजार कर रहे थे, वह अब सामने आ चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा जुलाई-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में बढ़ोतरी की संभावना प्रबल हो गई है। संकेत मिल रहे हैं कि इस बार दिवाली से पहले DA बढ़ोतरी की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। ऐसे में यह त्योहारी सीज़न सरकारी कर्मचारियों के लिए और भी खास बन सकता है।

क्या होता है महंगाई भत्ता (DA)?

महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दी जाने वाली एक अतिरिक्त राशि होती है, जिसका उद्देश्य बढ़ती महंगाई के असर को कुछ हद तक संतुलित करना होता है। यह भत्ता हर छह महीने में संशोधित किया जाता है और इसकी गणना महंगाई दर (Consumer Price Index – CPI) के आधार पर तय फॉर्मूले से की जाती है।

जुलाई-दिसंबर 2025 का DA हाइक?

2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) के लिए महंगाई भत्ते में पहले ही वृद्धि की जा चुकी है। अब दूसरी छमाही यानी जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए संशोधित DA की घोषणा बाकी है। चूंकि पिछले कुछ महीनों में खुदरा महंगाई दर में हल्का-फुल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार DA में 3% से 4% तक की बढ़ोतरी संभव है।

कब हो सकती है घोषणा?

स्रोतों से मिल रही जानकारी के अनुसार, सरकार अक्टूबर के आसपास यानी दिवाली से ठीक पहले इस घोषणा को सार्वजनिक कर सकती है। यह परंपरा रही है कि सरकार बड़े त्योहारों से पहले कर्मचारियों को कोई न कोई वित्तीय तोहफा देती है, जिससे उनके त्योहारी खर्च में कुछ राहत मिल सके।

7वें वेतन आयोग के तहत DA की गणना

वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन 7वें वेतन आयोग के तहत तय होता है। इसके अंतर्गत DA की गणना 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आधार पर होती है। हर छह महीने में AICPI के आंकड़ों के आधार पर सरकार यह तय करती है कि महंगाई भत्ते में कितनी बढ़ोतरी की जानी चाहिए।

भारत बना रहा 'एयर पिनाका': हवा से बरसेगा प्रलय

नई दिल्ली। भारत तेजी से अपनी रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बना रहा है। इस परिवर्तन की अगुवाई कर रहा है देश का प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन – DRDO। समय की मांग और भविष्य की युद्ध नीति को देखते हुए ऐसे हथियार विकसित कर रहा है, जो न केवल अत्याधुनिक हैं, बल्कि पूरी तरह स्वदेशी भी हैं। इसी सिलसिले में अब एक नया और बेहद रोमांचक प्रोजेक्ट सामने आया है – एयर-लॉन्च पिनाका।

क्या है एयर पिनाका?

‘पिनाका’ नाम सुनते ही कारगिल युद्ध की यादें ताजा हो जाती हैं, जब इस मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर ने दुश्मन की कई पोस्ट को मिनटों में तबाह कर दिया था। अब यही पिनाका एक नए रूप में सामने आ रहा है – जिसे लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया जा सकेगा। यानी अब तबाही सिर्फ जमीन से नहीं, बल्कि हवा से भी बरसेगी।

क्यों है ये सिस्टम खास?

हवाई हमलों में क्रांतिकारी बदलाव: परंपरागत पिनाका सिस्टम एक साथ कई रॉकेट फायर करके दुश्मन के बड़े हिस्से को निशाना बनाता था। लेकिन एयर पिनाका एक 'प्रेसिजन-गाइडेड म्यूनिशन' होगा, जो बिल्कुल सटीक निशाना लगाएगा।

300 किलोमीटर तक मारक क्षमता: इस प्रणाली में पिनाका-IV रॉकेट का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसकी रेंज लगभग 300 किमी तक हो सकती है। यह इसे ब्रह्मोस या स्कैल्प जैसे हथियारों के करीब ले जाता है, हालांकि लागत के मामले में यह कहीं ज्यादा किफायती होगा।

एयरक्राफ्ट से इंटीग्रेशन: एयर पिनाका को भारतीय वायुसेना के प्रमुख फाइटर जेट्स जैसे सुखोई Su-30MKI, मिराज-2000, राफेल और तेजस से जोड़ा जाएगा। इससे भारतीय वायुसेना के पास लंबी दूरी तक मार करने वाले, तेज़ और सटीक हथियारों का एक नया विकल्प जुड़ जाएगा।

एडवांस्ड नेविगेशन और इवेज़न क्षमता: पारंपरिक रॉकेट लक्ष्य पर सीधे जाकर टकराते हैं, लेकिन एयर पिनाका अपने टारगेट तक पहुंचने के लिए रूट बदल सकता है। इसका मतलब ये है कि दुश्मन की एयर डिफेंस को चकमा देना इसके लिए आसान होगा।

बिहार में 10वीं-12वीं पास के लिए बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा अवसर सामने आया है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) और राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार (SHS Bihar) ने क्रमशः 3727 और 220 पदों पर बंपर भर्तियों की घोषणा की है। इन पदों पर 10वीं और 12वीं पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। दोनों ही भर्तियों के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी।

BSSC भर्ती 2025: ऑफिस अटेंडेंट के 3727 पद

बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कार्यालय परिचारक (Office Attendant) के 3727 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इस भर्ती में भाग लेने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास निर्धारित की गई है। इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आयोग की वेबसाइट पर जाकर विस्तृत अधिसूचना पढ़ें और समय पर आवेदन करें।

पद का नाम: कार्यालय परिचारक (Office Attendant)

कुल पद: 3727

शैक्षणिक योग्यता: 10वीं पास

ऑनलाइन आवेदन शुरू: 25 अगस्त 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 26 सितंबर 2025

आवेदन के लिए वेबसाइट: bssc.bihar.gov.in

SHS बिहार भर्ती 2025: ऑप्थेल्मिक असिस्टेंट के 220 पद

राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार ने ऑप्थेल्मिक असिस्टेंट (नेत्र सहायक) के 220 पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस पद के लिए अभ्यर्थियों के पास विज्ञान विषयों के साथ 12वीं पास होने के साथ-साथ संबंधित डिप्लोमा होना आवश्यक है। यह भर्ती बिहार राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

पद का नाम: ऑप्थेल्मिक असिस्टेंट (Ophthalmic Assistant)

कुल पद: 220

शैक्षणिक योग्यता: 12वीं (साइंस) + डिप्लोमा

ऑनलाइन आवेदन शुरू: 14 अगस्त 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 28 अगस्त 2025

आवेदन के लिए वेबसाइट: shs.bihar.gov.in

AI से डॉक्टरों की नौकरी खतरे में, नर्सों की नहीं!

हेल्थ डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी तकनीक बन चुकी है जो आज हर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करती जा रही है। हेल्थकेयर, जो अब तक एक इंसानी संवेदना से जुड़ा पेशा माना जाता था, वहां भी AI तेज़ी से अपनी जगह बना रहा है। इसी संदर्भ में Google DeepMind के CEO डेमिस हसाबिस ने हाल ही में एक बेहद दिलचस्प और सोचने पर मजबूर करने वाली बात कही – "AI भविष्य में डॉक्टरों को तो रिप्लेस कर सकता है, लेकिन नर्सों को नहीं।"

AI की ताकत और उसकी सीमाएं

डेमिस हसाबिस ने एक बातचीत में बताया कि AI निश्चित रूप से मेडिकल क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। खासकर डायग्नोस्टिक्स यानी बीमारी की पहचान के मामले में, जैसे MRI या CT स्कैन के जटिल विश्लेषण में, AI बेहद कुशलता से काम कर सकता है। यह तेज़ी से डेटा पढ़ सकता है, उसमें पैटर्न ढूंढ सकता है और संभावित बीमारियों की भविष्यवाणी कर सकता है। इससे सटीक और समय पर इलाज करने में मदद मिलती है।

डॉक्टरी पेशे में क्यों आएगा बदलाव

AI की यह विश्लेषणात्मक क्षमता डॉक्टरों के निर्णय लेने के तरीकों को प्रभावित कर रही है। उदाहरण के लिए, AI मॉडल किसी मरीज की स्वास्थ्य रिपोर्ट, लक्षण और इतिहास को पढ़कर एक स्पष्ट दिशा दिखा सकते हैं कि क्या करना चाहिए। इस तरह डॉक्टरों की भूमिका "डायग्नोस्टिक एक्‍सपर्ट" से बदलकर एक क्लिनिकल फैसिलिटेटर की तरह हो सकती है — यानी निर्णय लेने में सहायक।

पर इसका अर्थ यह नहीं कि डॉक्टर बेकार हो जाएंगे, बल्कि उनकी भूमिका में बदलाव होगा। वे मशीनों के साथ मिलकर ज्यादा प्रभावी इलाज देंगे। लेकिन यह भी सच है कि कुछ स्थानों पर जहां डॉक्टरों की कमी है, वहां AI कुछ जगहें भर सकता है।

नर्सों की भूमिका क्यों नहीं बदल पाएगा AI?

AI चाहे जितना भी विकसित क्यों न हो, वह इंसानी भावनाओं को पूरी तरह नहीं समझ सकता – और यहीं नर्सों की भूमिका सबसे अहम हो जाती है। डेमिस हसाबिस ने स्पष्ट किया कि नर्सिंग महज़ दवाइयां देना या निगरानी रखना नहीं है। नर्सें एक बीमार इंसान के लिए भावनात्मक सहारा होती हैं। जब कोई डर या दर्द में होता है, तब एक नर्स का हाथ थामना, उसकी आँखों में भरोसा देना, और केवल एक मुस्कान भी, इलाज के हिस्से की तरह काम करता है। इस मानवीय स्पर्श और करुणा को कोई मशीन नहीं दोहरा सकती।

भविष्य की दिशा: साथ में काम करेंगे इंसान और मशीन

हसाबिस का मानना है कि AI और मानव — खासकर मेडिकल स्टाफ — साथ मिलकर हेल्थकेयर को ज्यादा कुशल, तेज़ और सुलभ बना सकते हैं। डॉक्टरों को AI विश्लेषण में मदद करेगा, जिससे वे कम समय में बेहतर फैसले ले सकें। वहीं, नर्सें मानवीय संपर्क बनाए रखेंगी, जो इलाज की प्रक्रिया का आधार है।

SLBM ताकत: भारत अब कहीं से भी कर सकता है जवाबी हमला

नई दिल्ली। भारत की रक्षा नीति में “नो फर्स्ट यूज़” (NFU) की नीति के साथ-साथ विश्वसनीय प्रतिरोध (credible deterrence) की भूमिका हमेशा से अहम रही है। इसी दिशा में भारत की SLBM (Submarine-Launched Ballistic Missile) क्षमता अब इतनी सशक्त हो चुकी है कि वह समुद्र की गहराइयों से किसी भी हमले का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हो गया है।

क्या हैं SLBM?

SLBM यानी पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें, जिन्हें विशेष रूप से न्यूक्लियर वारहेड ले जाने और लॉन्ग रेंज टारगेट को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन मिसाइलों की सबसे बड़ी ताकत यह है कि इन्हें पनडुब्बियों से लॉन्च किया जाता है, जो समुद्र में चुपचाप कहीं भी रह सकती हैं और इनका पता लगाना बेहद मुश्किल होता है।

भारत की प्रमुख SLBM मिसाइलें

भारत ने अब तक दो प्रमुख SLBM मिसाइलों को विकसित किया है.  K-15 (सागरिका), जिसकी रेंज 750 किमी तक हैं, वहीं, K-4 जिसकी रेंज लगभग 3,500 किमी की लंबी दूरी तय करने में सक्षम हैं। इसके अलावे भारत K-5, K-6 भी विकसित कर रहा हैं, जिसकी रेंज 8000 किमी तक हो सकती हैं। 

क्यों है यह क्षमता महत्वपूर्ण?

SLBM ताकत भारत को "Second Strike Capability" देती है — यानी अगर भारत पर पहले परमाणु हमला होता है, तो वह समुद्र में छिपी अपनी पनडुब्बियों से जवाबी हमला कर सकता है। यह दुश्मनों को सोचने पर मजबूर करता है कि भारत को नुकसान पहुंचाना उन्हें बहुत भारी पड़ सकता है।

वैश्विक रणनीति में भारत की जगह

दुनिया में सिर्फ कुछ ही देशों के पास पनडुब्बियों से न्यूक्लियर मिसाइल दागने की क्षमता है — अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन... और अब भारत। यह भारत की तकनीकी प्रगति और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का बड़ा संकेत है।

सावधान रहें! यूपी के 27 जिलों में बेहद भारी बारिश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुका है और इसका असर अब प्रदेश के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है। बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जहां तापमान में गिरावट लाई है, वहीं आम जनजीवन भी इससे काफी प्रभावित हुआ है। अब मौसम विभाग ने 7 और 8 अगस्त को राज्य के 27 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।

किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा?

इस बार जिन जिलों में विशेष रूप से सावधानी बरतने की ज़रूरत है, उनमें तराई और पूर्वांचल के इलाके प्रमुख हैं। मौसम विभाग के मुताबिक मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बिजनौर, रामपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, सुल्तानपुर और अयोध्या जैसे जिले आने वाले 48 घंटों में भारी बारिश की चपेट में आ सकते हैं।

बिजली गिरने की आशंका, रहे सतर्क!

7 अगस्त को खासतौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। लखनऊ, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर और प्रयागराज जैसे क्षेत्रों में बिजली गिरने की भी चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे खुले स्थानों पर जाने से बचें, पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों के पास खड़े न हों और आवश्यकता न हो तो घर से बाहर न निकलें।

प्रशासन अलर्ट मोड में, राहत कार्य तैयार

प्रशासन ने भी मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं। निचले इलाकों में जलभराव की संभावना को देखते हुए नगर निगम और जिला प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई हैं।

भारत बना रहा 'जंगी ड्रोन', बम-मिसाइल से करेगा हमला

नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया जा रहा ‘कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम वॉरियर’ ड्रोन अब नौसेना के लिए भी तैयार किया जा रहा है। इस विशेष संस्करण को N-CATS नाम दिया गया है, जो समुद्री क्षेत्रों में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह स्वदेशी ‘जंगी ड्रोन’ भविष्य में भारतीय नौसेना के बेड़े का अभिन्न हिस्सा बन सकता है।

क्या है CATS वॉरियर प्रोग्राम?

HAL द्वारा विकसित किया जा रहा CATS (Combat Air Teaming System) एक आधुनिक तकनीक पर आधारित ड्रोन प्रोग्राम है, जिसका उद्देश्य ऐसे मानव रहित ड्रोन तैयार करना है जो लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर ऑपरेशन कर सकें। यह ड्रोन एक ‘लॉयल विंगमैन’ की तरह कार्य करता है — यानी यह मानव पायलट के निर्देशों पर मिशन को अंजाम देता है, लेकिन स्वतंत्र रूप से उड़ान भरने और निर्णय लेने की क्षमता रखता है।

कैसे काम करेगा N-CATS ड्रोन?

यह विशेष नेवल वर्जन दुश्मन की सीमा में घुसकर निगरानी, सटीक हमला, और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसे कार्यों में माहिर होगा। इसकी बनावट में ऐसे स्टील्थ मटेरियल्स का उपयोग किया गया है जिससे यह दुश्मन के रडार पर पकड़ में नहीं आता।

N-CATS ड्रोन की एक खासियत यह है कि यह DRDO द्वारा विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहेगा। इसकी पेलोड क्षमता करीब 650 किलोग्राम तक होगी, जिससे यह उच्च क्षमता वाले हमले कर सकेगा।

किसके साथ उड़ान भरेगा यह ड्रोन?

भारतीय नौसेना के लिए N-CATS को खासतौर पर MiG-29K और HAL के आगामी नौसैनिक लड़ाकू विमानों के साथ समन्वयित किया जाएगा। वहीं वायुसेना के लिए यह ड्रोन तेजस, सुखोई-30 MKI और राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स के साथ काम करने में सक्षम होगा।

क्या होगी इसकी रेंज और क्षमताएं?

N-CATS ड्रोन की ऑपरेशनल रेंज मिशन के अनुसार 350 से 800 किलोमीटर के बीच हो सकती है। यह एक बार में एक मिसाइल या बम ले जाने की क्षमता रखता है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह बिना किसी पायलट की जान को जोखिम में डाले, अत्यधिक खतरे वाले मिशन को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे सकता है।

बिहार के 'शिक्षकों' को मिली ट्रांसफर में राहत

पटना। बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए एक लंबे समय से प्रतीक्षित अच्छी खबर आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य के शिक्षकों को ट्रांसफर नीति में बड़ी छूट देने की घोषणा की है। यह फैसला न केवल शिक्षकों के लिए एक राहत भरा कदम है, बल्कि इससे शिक्षा व्यवस्था में स्थायित्व और संतुलन भी आने की संभावना है।

वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी

राज्य के शिक्षक संघ और कई व्यक्तिगत शिक्षक वर्षों से यह मांग कर रहे थे कि स्थानांतरण की प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होनी चाहिए। खासकर वे शिक्षक जो दूर-दराज के जिलों में कार्यरत थे, अपने परिवार से दूर कठिन परिस्थितियों में नौकरी कर रहे थे। अब मुख्यमंत्री के इस फैसले से उन्हें घर के करीब स्थानांतरण पाने का मौका मिलेगा।

नई व्यवस्था में क्या है खास?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि अब शिक्षक इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए आवेदन करते समय तीन जिलों का विकल्प दे सकेंगे। शिक्षा विभाग इन्हीं में से किसी एक जिले में शिक्षक का पदस्थापन सुनिश्चित करेगा। साथ ही, जिले के अंदर तबादलों की जिम्मेदारी एक विशेष समिति को दी गई है, जिसकी अध्यक्षता जिला पदाधिकारी करेंगे। यह समिति कोशिश करेगी कि शिक्षक की पोस्टिंग उसकी पसंद के प्रखंड या उसके निकटवर्ती क्षेत्र में हो, ताकि बार-बार तबादले के लिए परेशान न होना पड़े।

शिक्षकों के लिए भरोसे और सम्मान का संकेत

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में शिक्षकों की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की नींव मजबूत करते हैं और बच्चों का भविष्य गढ़ते हैं। यह नई नीति शिक्षकों के प्रति राज्य सरकार की सकारात्मक सोच और उनके योगदान को सराहने का संकेत है।

DGCA भर्ती 2025: 28 पदों के लिए करें आवेदन

नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General Of Civil Aviation - DGCA) ने 28 उच्च स्तरीय सलाहकार पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इस भर्ती में चयनित उम्मीदवारों को दिल्ली में नियुक्त किया जाएगा। इच्छुक एवं योग्य अभ्यर्थी 11 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

पदों का विवरण:

DGCA द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार निम्नलिखित पदों पर नियुक्ति की जाएगी: Deputy Chief Flight Operations Inspector (Aeroplane), Senior Flight Operations Inspector (Aeroplane), Flight Operations Inspector (Aeroplane), Flight Operations Inspector (Helicopter)

योग्यता व अनुभव:

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की योग्यता पदों के अनुसार निर्धारित किया गया हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए नोटिश देखें।

आयु सीमा: उम्मीदवार की अधिकतम आयु 58 वर्ष होनी चाहिए।

चयन प्रक्रिया:

अभ्यर्थियों का चयन साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा। विस्तृत चयन प्रक्रिया व पाठ्यक्रम की जानकारी आधिकारिक अधिसूचना में उपलब्ध है।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

आवेदन की अंतिम तिथि: 11 अगस्त 2025

अधिक जानकारी:

भर्ती संबंधी विस्तृत जानकारी DGCA की आधिकारिक वेबसाइट www.civilaviation.gov.in पर उपलब्ध कराए गए हैं। आप नोटिश को पढ़ें और आवेदन करें।

अगर दिखें ये 5 लक्षण, हो सकता है लिवर में सूजन

हेल्थ डेस्क। लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो न सिर्फ पाचन क्रिया में सहायक होता है, बल्कि टॉक्सिन्स को बाहर निकालने, ब्लड को फिल्टर करने, और जरूरी पोषक तत्वों को संचित करने का काम भी करता है। लेकिन जब लिवर में सूजन (hepatitis या liver inflammation) आ जाती है, तो यह धीरे-धीरे शरीर की पूरी कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है।

1. लगातार थकान और कमजोरी

अगर बिना किसी विशेष कारण के लगातार थकान महसूस हो रही है या शरीर में सुस्ती बनी रहती है, तो यह लिवर में हो रही सूजन का संकेत हो सकता है। लिवर सही ढंग से कार्य न करे तो शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती।

2. पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या भारीपन

लिवर शरीर के दाहिने ऊपरी हिस्से में स्थित होता है। यदि इस हिस्से में हल्का दर्द, सूजन या असहजता महसूस हो, तो यह लिवर से जुड़ी समस्या का इशारा हो सकता है। यह दर्द अकसर धीमा लेकिन लगातार बना रह सकता है।

3. भूख न लगना और मितली आना

लिवर की सूजन का असर पाचन पर भी पड़ता है। यदि भूख कम लग रही हो, भोजन से अरुचि हो या बार-बार मिचली आने जैसी समस्या हो, तो यह संकेत हो सकता है कि लिवर सामान्य रूप से काम नहीं कर रहा।

4. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना

जब लिवर में सूजन होती है और वह बिलिरुबिन को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता, तो त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। यह पीलिया का संकेत है, जो लिवर संबंधी बीमारी का गंभीर संकेत हो सकता है।

5. गहरे रंग का पेशाब होना

अगर पेशाब का रंग सामान्य से ज्यादा गहरा हो और यह लंबे समय तक बना रहे, तो यह लिवर में सूजन या किसी प्रकार की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है।

क्या करें?

अगर उपरोक्त में से एक या एक से अधिक लक्षण लगातार दिख रहे हों, तो तुरंत किसी गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट या लिवर स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। सही समय पर जांच और इलाज से लिवर की सूजन को कंट्रोल किया जा सकता है।

भारत तैयार कर रहा 2 घातक मिसाइलें, जानकार चौंक जाएंगे!

नई दिल्ली: भारत की रक्षा क्षमताएं लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। अब देश दो ऐसी घातक मिसाइल प्रणालियों के विकास की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, जिनकी मारक क्षमता और तकनीकी विशेषताएं दुनिया भर के सैन्य विशेषज्ञों को हैरान कर सकती हैं। ये दो मिसाइलें हैं — 'K-6' हाइपरसोनिक एसएलबीएम और 'ब्रह्मोस-II' हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल। ये दोनों मिसाइलें भारत की रणनीतिक रक्षा प्रणाली को अभूतपूर्व ताकत देंगी और इसकी परमाणु त्रयी को पूर्णता प्रदान करेंगी।

1 .K-6: समुद्र से दुश्मन पर अचूक प्रहार

K-6 एक अत्याधुनिक हाइपरसोनिक पनडुब्बी से प्रक्षेपित होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है, जिसे DRDO द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह मिसाइल विशेष रूप से भविष्य की S-5 श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों के लिए तैयार की जा रही है, जो भारत की दूसरी पीढ़ी की SSBN (Ballistic Missile Submarine) हैं।

विशेषताएं:

हाइपरसोनिक गति: K-6 मिसाइल की गति मैक 7 (ध्वनि की गति से सात गुना अधिक) से अधिक है, जिससे यह बहुत कम समय में लक्ष्य को भेद सकती है।

रेंज: इसकी अनुमानित मारक क्षमता 8,000 किलोमीटर है, जो इसे विश्व की कुछ सबसे लंबी दूरी की SLBM में शामिल करती है।

MIRV तकनीक: K-6 Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle (MIRV) प्रणाली से लैस है, यानी यह एक ही प्रक्षेपण में कई अलग-अलग लक्ष्यों पर वार कर सकती है।

2 .ब्रह्मोस-II: हवा में बिजली की गति से मार करने वाला हथियार

भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही ब्रह्मोस-II एक अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह वर्तमान में भारतीय सेना और नौसेना में सेवा दे रही सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का हाइपरसोनिक संस्करण है।

विशेषताएं:

रेंज: इसकी अपेक्षित रेंज 1,500 किलोमीटर होगी।

गति: ब्रह्मोस-II को मैक 7 से मैक 8 की रफ्तार से उड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो कि ब्रह्मोस-I (मैक 2.8–3) की तुलना में लगभग तीन गुना तेज है।

अत्याधुनिक लक्ष्य प्रणाली: तेज गति के साथ यह मिसाइल रडार और अन्य रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम होगी, जिससे इसे रोकना बेहद मुश्किल होगा।

गुरुवार के 3 शक्तिशाली मंत्र जो बदल देंगे आपकी जिंदगी

धर्म डेस्क। गुरुवार को हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति का विशेष स्थान माना जाता है। इसे ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का दिन भी कहा जाता है। कई लोग गुरुवार को व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और मंत्र जाप के माध्यम से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। अगर आप भी जीवन में खुशहाली, सफलता और मानसिक शांति चाहते हैं तो गुरुवार के ये तीन शक्तिशाली मंत्र आपके लिए वरदान साबित हो सकते हैं।

1. ॐ ब्रं ब्रह्मणे नमः

यह मंत्र ब्रह्मा जी को समर्पित है, जो सृष्टि के निर्माता माने जाते हैं। इस मंत्र का जाप गुरुवार को करने से मन की शांति मिलती है, बुद्धि का विकास होता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। यह मंत्र ज्ञान वृद्धि और आत्मबल के लिए अत्यंत प्रभावी है।

2. ॐ गुरवे नमः

यह मंत्र देव गुरु बृहस्पति को समर्पित है, जिन्हें ज्ञान और बुद्धि का देवता माना जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है, विद्या और धन की प्राप्ति होती है, साथ ही भविष्य के अनिष्ट फल भी टल जाते हैं।

3. ॐ विष्णवे नमः

भगवान विष्णु के लिए यह मंत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। विष्णु जी जगत के पालनहार हैं, और इस मंत्र के जाप से जीवन में स्थिरता आती है। यह मंत्र संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है और सभी मनोकामनाओं को पूरा करता है।

मंत्र जाप के लाभ

गुरुवार के दिन इन मंत्रों का जाप करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है। यह दिन गुरु बृहस्पति की कृपा से धन-संपदा में वृद्धि, पारिवारिक खुशहाली और कार्यक्षेत्र में सफलता का संदेश लेकर आता है। साथ ही, ये मंत्र आपकी सोच को सकारात्मक बनाते हैं और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करते हैं।