भारत रूस से लेगा 400KM रेंज वाली मिसाइलें, चीन सन्न!

नई दिल्ली। भारत अपनी वायु रक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाने जा रहा है। देश रूस से अतिरिक्त 40N6 मिसाइलें खरीदने की योजना बना रहा है, जो पहले से ही भारत के पास मौजूद S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का हिस्सा हैं। इस कदम से न केवल भारतीय वायु सेना की ताकत में इजाफा होगा, बल्कि सीमाओं की सुरक्षा भी मजबूत होगी, खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से संभावित हवाई खतरे रोकने में।

40N6 मिसाइल की विशेषताएं

40N6 मिसाइल एक अत्याधुनिक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Surface-to-Air Missile - SAM) है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 400 किलोमीटर तक है। इसकी खासियत इसकी लंबी दूरी की मारक क्षमता के साथ-साथ उच्च सटीकता है। यह मिसाइल दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलों और यहां तक कि हाइपरसोनिक हथियारों को भी रोकने में सक्षम है। मिसाइल में एक्टिव रडार होमिंग तकनीक लगी होती है, जो लक्ष्य को सटीक निशाने पर पकड़ने में मदद करती है।

भारत और S-400 डील का इतिहास

भारत ने 2018 में रूस से पांच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे थे, जिनकी कुल कीमत लगभग 5.43 अरब डॉलर थी। इनमें से चार सिस्टम पहले ही भारत को मिल चुके हैं, जबकि आखिरी सिस्टम की डिलीवरी 2026 तक पूरी हो जाएगी। अब भारत इन सिस्टमों को और अधिक मिसाइलों के साथ सशक्त बनाना चाहता है, ताकि सीमाओं पर एक मजबूत सुरक्षा कवच तैयार किया जा सके।

रणनीतिक महत्त्व

विशेषज्ञों का मानना है कि 40N6 मिसाइलों की खरीद से भारतीय वायु सेना को "एयर डिनायल जोन" (ADZ) बनाने में मदद मिलेगी। एयर डिनायल जोन वह क्षेत्र होता है जहां कोई भी दुश्मन विमान या मिसाइल भारतीय सीमा के नजदीक तक पहुंचने में असमर्थ होता है। इसका मतलब यह है कि भारत की वायु सीमाएं हवाई हमलों से लगभग अजेय हो जाएंगी। यह कदम विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है।

0 comments:

Post a Comment