HAL का प्रभावशाली प्रयास
HAL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डीके सुनील ने बताया कि 2024 में यह आपूर्ति श्रृंखला चुनौतीपूर्ण हो गई थी।इन कठिनाइयों के बावजूद, HAL ने रूसी आपूर्तिकर्ताओं के साथ नियमित संपर्क और सक्रिय भागीदारी जारी रखी। उन्होंने फ्लाइटग्लोबल को बताया कि 2024 में आ रही चुनौतियों को पार करते हुए अब आपूर्ति की स्थिति स्थिर हो गई है। इससे IAF का Su-30 MKI बेड़ा पूरी तरह से चालू और मिशन के लिए तैयार बना रहेगा।
भारत के 250 से ज्यादा विमान, हर वक्त ऑपरेशन के लिए तैयार
250 से अधिक Su-30 MKI विमानों का निरंतर परिचालन तत्पर रहना भारत की हवाई सुरक्षा के लिए अहम है। HAL के प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ है कि आपूर्ति श्रृंखला में आई बाधाएं अब हट गई हैं और विमानों का रखरखाव निर्बाध रूप से किया जा सकेगा। यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना को बिना किसी रुकावट के दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम बनाएगी, जिससे देश की रक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।
दरअसल, HAL ने Su-30 MKI के लिए रूस से पुर्जों की आपूर्ति में आई बाधाओं को प्रभावी रूप से पार कर भारतीय वायुसेना के 250 से अधिक विमान हमेशा तैयार रहने की स्थिति बनाए रखी है। यह न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत-रूस रक्षा सहयोग को भी एक नई मजबूती प्रदान करता है। आने वाले वर्षों में भी यह साझेदारी भारत की सामरिक और तकनीकी ताकत के लिए एक मजबूत आधार बनी रहेगी।
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