आपको बता दें की इस वर्ष दो शक्तिशाली मंत्रों — “ॐ नमो भगवते रुद्राय” और “ॐ उमामहेश्वराभ्याम् नमः” — को सावन में विशेष रूप से प्रभावशाली माना जा रहा है। आइए जानते हैं इन मंत्रों की शक्ति और इन्हें जाप करने का सही तरीका।
1. ॐ नमो भगवते रुद्राय
यह मंत्र भगवान शिव के रौद्र रूप को समर्पित है। “रुद्र” का अर्थ होता है वह शक्ति जो नकारात्मकता को समाप्त कर पुनर्जन्म की राह खोलती है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से अंदरूनी डर, बाधाएं और जीवन में रुकावटें दूर होती हैं।
जाप विधि: प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शिवलिंग के सामने बैठकर 108 बार इस मंत्र का जाप करें। चाहें तो रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें।
2. ॐ उमामहेश्वराभ्याम् नमः
यह मंत्र शिव और पार्वती (उमा) दोनों को समर्पित है। यह मंत्र जीवन में संतुलन, पारिवारिक सुख और आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। दाम्पत्य जीवन की समस्याओं, संबंधों में तनाव या मानसिक अस्थिरता से जूझ रहे लोगों के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है।
जाप विधि: शिव-पार्वती की संयुक्त मूर्ति या तस्वीर के समक्ष शुद्ध मन से प्रतिदिन 108 बार मंत्र का जाप करें। इसे विशेष रूप से सोमवार या पूर्णिमा के दिन किया जाए तो और भी शुभ फल प्राप्त होता है।
क्यों खास है सावन में इन मंत्रों का जाप?
सावन मास में वातावरण और प्रकृति दोनों आध्यात्मिक रूप से जागृत रहते हैं। इस समय की गई शिव साधना कई गुना अधिक फलदायी होती है। जहां एक ओर "ॐ नमो भगवते रुद्राय" जीवन की बाधाओं को समाप्त करता है, वहीं "ॐ उमामहेश्वराभ्याम् नमः" जीवन में प्रेम, स्थिरता और सुख-शांति भरता है।
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