भारत बना रहा 'मिसाइलों' का काल, जानकार चौंक जाएंगे

नई दिल्ली। भारत अपनी सुरक्षा तैयारियों को नए आयाम दे रहा है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक प्रमुख इकाई, LRDE (Electronics and Radar Development Establishment), ऐसे अत्याधुनिक रडार सिस्टम पर काम कर रही है जो दुश्मन की हाइपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता रखता है। यह परियोजना सिर्फ तकनीकी प्रगति नहीं है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता और भविष्य के युद्ध परिदृश्यों की तैयारी का प्रतीक बन गई है।

हाइपरसोनिक मिसाइलों की चुनौती

हाइपरसोनिक मिसाइलें पारंपरिक मिसाइलों से कहीं अधिक घातक होती हैं। ये मैक 5 (लगभग 6,174 किमी/घंटा) या उससे अधिक की गति से उड़ान भरती हैं और साथ ही दिशा बदलने की भी क्षमता रखती हैं। चीन की DF-17 और रूस की Avangard जैसी मिसाइलें इसका उदाहरण हैं। पाकिस्तान, चीन से DF-17 हासिल करने की कोशिश में है, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताएं और भी बढ़ जाती हैं।

इस तेजी से बदलते खतरे के बीच पारंपरिक रडार सिस्टम अक्सर असमर्थ साबित होते हैं, क्योंकि उन्हें इतनी तेज गति और दिशा-परिवर्तन की गणना करने में दिक्कत आती है। ऐसे में भारत को एक ऐसे सिस्टम की आवश्यकता थी जो न केवल हाइपरसोनिक हथियारों की उपस्थिति को भांप सके, बल्कि समय रहते प्रतिक्रिया के लिए चेतावनी भी दे सके।

भारत के द्वारा 'LRDE' की नई पहल

DRDO की LRDE इकाई इससे पहले ‘स्वॉर्डफिश’ लॉन्ग रेंज ट्रैकिंग रडार जैसे सिस्टम का सफल निर्माण कर चुकी है। अब यह इकाई हाइपरसोनिक मिसाइलों की निगरानी के लिए एक नई पीढ़ी का रडार विकसित कर रही है। यह रडार उच्च-संवेदनशीलता, तेज़ डेटा प्रोसेसिंग और दिशा परिवर्तन पहचानने में सक्षम एआई-आधारित एल्गोरिद्म से लैस होगा। इस रडार की खास बात यह होगी कि यह न केवल हाइपरसोनिक लक्ष्य को ट्रैक करेगा, बल्कि यह उनकी उड़ान पथ की भविष्यवाणी भी कर सकेगा — जो इंटरसेप्शन के लिए बेहद जरूरी है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक मजबूत कदम

यह प्रोजेक्ट पूरी तरह भारत में विकसित किया जा रहा है और यह प्रधानमंत्री की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को तकनीकी क्षेत्र में ठोस समर्थन प्रदान करता है। रडार का निर्माण, परीक्षण और तैनाती तीन प्रमुख चरणों में होगा। फिलहाल यह विकास चरण में है, इसके बाद कई स्तरों पर ट्रायल किए जाएंगे। सभी परीक्षणों के सफल होने के बाद ही इसे भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।

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