यूपी में मानसून की रफ्तार: इन 60 जिलों में बारिश के आसार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून ने आखिरकार पूरी रफ्तार पकड़ ली है। जुलाई के मध्य में जहां किसान और आम जन मानसून की प्रतीक्षा में थे, वहीं अब प्रदेश के लगभग हर कोने से बारिश की खबरें आ रही हैं। रविवार को हुई झमाझम बारिश ने गर्मी और उमस से राहत दिलाई, तो आने वाले दिनों में और अधिक व्यापक और भारी बारिश के संकेत मिल रहे हैं।

मानसून की वर्तमान स्थिति

प्रदेश के मौसम में रविवार को अचानक तेजी देखने को मिली। बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर में सर्वाधिक 163 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि बाराबंकी, कानपुर, बांदा, औरैया और प्रतापगढ़ जैसे जिलों में भी 100 मिमी से अधिक वर्षा रिकार्ड की गई। वाराणसी, बरेली, सहारनपुर और पीलीभीत सहित कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली, जिससे नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है।

वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी

लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, मंगलवार से उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना बन रही है। यह मानसूनी बारिश अगले तीन से चार दिनों तक प्रदेश के दक्षिणी और विंध्य क्षेत्रों तक फैल सकती है। इस दौरान अन्य जिलों में भी बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और छिटपुट बूंदाबांदी होती रहेगी।

वज्रपात और तेज गर्जना की चेतावनी

मौसम विभाग ने प्रदेश के करीब 60 जिलों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। जिन जिलों में यह संभावना जताई गई है, उनमें बुंदेलखंड, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, तराई क्षेत्र और पूर्वांचल के इलाके प्रमुख हैं। विशेष रूप से बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, देवरिया, लखनऊ, गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली और झांसी जैसे जिलों में सतर्कता की आवश्यकता है।

किसान और आमजन पर असर

यह बारिश धान की रोपाई और खरीफ फसलों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। लंबे समय से बारिश की कमी से जूझ रहे किसान अब राहत की सांस ले रहे हैं। हालांकि, भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी के कारण खेतों में काम करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है।

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