1. फॉक्सकॉन (Foxconn):
ताइवान की यह बहुराष्ट्रीय कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में विश्व प्रसिद्ध है। फॉक्सकॉन विशेष रूप से भारत में आईफोन बनाने के लिए जानी जाती है। कंपनी ने चीन में अपने परिचालन को सीमित करते हुए भारत में उत्पादन क्षमता बढ़ाई है।
2. पेगाट्रॉन (Pegatron):
फॉक्सकॉन की तरह ही ताइवान की पेगाट्रॉन भी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में सक्रिय है। यह भारत में आईफोन निर्माण की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उभर रही है, जो स्थानीय बाजार की मांग को पूरा कर रही है।
3. गूगल (Google):
गूगल ने हाल ही में घोषणा की है कि वह भारत में अपने पिक्सेल स्मार्टफोन का निर्माण शुरू करेगा। यह कदम गूगल की वैश्विक रणनीति में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
4. आसुस (ASUS):
आईटी हार्डवेयर में माहिर आसुस ने भी चीन से भारत अपने विनिर्माण केंद्र को स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। कंपनी भारत की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का लाभ उठाकर यहां अपने उत्पादन को विस्तार दे रही है।
5. विस्ट्रॉन (Wistron):
विस्ट्रॉन भी ताइवान की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है, जो भारत में आईफोन निर्माण में सक्रिय है। यह कंपनी चीन से हटकर भारत में निवेश बढ़ाने की प्रक्रिया में है।
क्यों भारत?
चीन से भारत की ओर कंपनियों के इस रुख के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में हो रहे व्यवधान और बढ़ती लागत। इसके अलावा, भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और PLI स्कीम जैसी प्रोत्साहन योजनाएं भी कंपनियों को आकर्षित कर रही हैं। इसके साथ ही भारत का बड़ा उपभोक्ता बाजार और उभरती हुई तकनीकी प्रतिभा भी इन कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।
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