आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का असर
बवासीर के इलाज में उपयोगी कई जड़ी-बूटियां हैं जो पारंपरिक रूप से पीढ़ियों से इस्तेमाल की जा रही हैं। सौंफ, अजवाइन, सेंधा नमक, काला नमक, मुलेठी, हरड़, बहेड़ा, जीरा और हींग जैसे तत्वों का मिश्रण शरीर को ठंडक पहुंचाता है, पाचन को सुधारता है और सूजन को कम करता है।
मिश्रण बनाने और सेवन करने का तरीका
इन जड़ी-बूटियों को बराबर मात्रा में मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता है। रोजाना सुबह या शाम इसे गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है, कब्ज दूर होती है और बवासीर के लक्षण धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह
आयुर्वेद विशेषज्ञ भी इस मिश्रण को बवासीर के घरेलू उपचार के रूप में स्वीकार करते हैं। हालांकि, इसका असर धीरे-धीरे होता है, लेकिन निरंतर सेवन से 3 से 7 दिन में आराम मिलने लगता है। साथ ही, खान-पान में सुधार, फाइबरयुक्त आहार लेना और अधिक पानी पीना भी जरूरी है।
सावधानियां
बवासीर के गंभीर मामलों में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
मिश्रण का सेवन नियमित और सही मात्रा में करें।
गर्भवती महिलाओं या किसी अन्य बीमारी में उपयोग से पहले चिकित्सक से परामर्श लें।
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