सैलरी और पेंशन में बड़ा बदलाव संभव
ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार फिटमेंट फैक्टर को 1.83 से 2.46 के बीच तय किया जा सकता है। गौरतलब है कि यही फैक्टर तय करता है कि कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी कितनी बढ़ेगी। पिछली बार यानी 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई थी।
यदि नया फिटमेंट फैक्टर 2.46 तय होता है, तो उदाहरण के तौर पर: वर्तमान में लेवल-1 कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, नई संभावित बेसिक सैलरी: ₹18,000 × 2.46 = ₹44,280, यानी सीधे ₹26,280 की बढ़ोतरी हो सकती हैं।
पेंशनर्स को भी मिलेगा लाभ
फिटमेंट फैक्टर में बदलाव का सीधा असर पेंशन पर भी पड़ेगा, क्योंकि पेंशन की गणना भी बेसिक सैलरी के आधार पर की जाती है। 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम पेंशन ₹3,500 से बढ़ाकर ₹9,000 की गई थी। अब 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर पेंशनर्स को भी अच्छी-खासी राहत मिलने की उम्मीद है।
हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम पर भी विचार
रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए नई स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Scheme) लाने की दिशा में विचार कर रही है। इसका मकसद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देना है।
नजरें अब सरकार के अगले कदम पर
8वें वेतन आयोग को लेकर सरकारी स्तर पर गतिविधियां भले ही प्रारंभिक चरण में हों, लेकिन कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें इससे जुड़ी हुई हैं। अगर रिपोर्टों के अनुसार सिफारिशें लागू होती हैं, तो यह निश्चित रूप से एक बड़ी राहत होगी, खासकर उस वर्ग के लिए जो लंबे समय से वेतन संशोधन का इंतजार कर रहा है।
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