यूपी में खाली हुए स्कूलों में शिफ्ट होंगे आंगनबाड़ी केंद्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा और बाल विकास को एकसाथ मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के उन सरकारी प्राइमरी स्कूलों में, जो हाल ही में "पेयरिंग" के तहत खाली हुए हैं, अब आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा। शासन ने इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश भेज दिए हैं और पूरी प्रक्रिया के लिए दो महीने की समय-सीमा तय की गई है।

दरअसल, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने 75 जिलों में चयनित 10,827 खाली स्कूल भवनों को चिन्हित कर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की शिफ्टिंग की तैयारी तुरंत शुरू की जाए।

निरीक्षण और मैपिंग होगी पहली कड़ी

इस प्रक्रिया की शुरुआत खंड और जिला स्तर पर अधिकारियों की संयुक्त बैठक से होगी, जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) करेंगे। स्कूल भवनों का निरीक्षण खंड शिक्षा अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारी मिलकर करेंगे।

निरीक्षण में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिफ्ट किया जाने वाला आंगनबाड़ी केंद्र उस स्कूल भवन से अधिकतम 500 मीटर की दूरी पर हो। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि भवन की स्थिति बच्चों की सुरक्षा और सुविधा के अनुकूल हो।

हर स्तर पर रायशुमारी जरूरी

सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं, इस बार योजना में स्थानीय सहभागिता भी अहम मानी गई है। शिफ्टिंग से पहले ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक कर सहमति ली जाएगी। इसके बाद योग्य भवनों की मरम्मत और सज्जा के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। फिर 15 दिन में शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

इन स्थितियों में नहीं होगी शिफ्टिंग

यदि जिस भवन में वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहा है, उसकी स्थिति बेहतर और सुविधाजनक है, तो उसे शिफ्ट नहीं किया जाएगा। इसी तरह जिन स्कूल भवनों की स्थिति जर्जर या असुरक्षित है, वहां भी केंद्र स्थानांतरित नहीं होंगे।

सरकार का उद्देश्य: संसाधनों का बेहतर उपयोग

सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल खाली पड़े स्कूल भवनों का सार्थक उपयोग करेगा, बल्कि आंगनबाड़ी सेवाओं को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगा। इससे बच्चों को स्वच्छ पानी, शौचालय, बिजली और पंखों जैसी बुनियादी सुविधाएं भी मिल सकेंगी जो कई मौजूदा आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध नहीं हैं।

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