भारत के पास जल्द होंगे 3 जासूसी विमान: चीन सन्न!

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (IAF) जल्द ही अपनी निगरानी और खुफिया क्षमताओं में एक क्रांतिकारी इजाफा करने जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने 10,000 करोड़ रुपये की लागत से तीन अत्याधुनिक I-STAR (Intelligence, Surveillance, Target Acquisition and Reconnaissance) विमान खरीदने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया है। यह कदम न केवल भारतीय वायुसेना की तकनीकी शक्ति को मजबूती देगा, बल्कि भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और इज़राइल जैसे उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा करेगा, जिनके पास ऐसी आधुनिक जासूसी क्षमताएं मौजूद हैं।

क्या है I-STAR कार्यक्रम?

I-STAR प्रोग्राम का उद्देश्य अत्याधुनिक एयरबोर्न जासूसी विमानों की मदद से दुश्मन की गतिविधियों पर हवा से निगरानी रखना है। यह कार्यक्रम भारतीय सुरक्षा बलों को रीयल-टाइम खुफिया जानकारी, टारगेट लोकेशन और मिशन मैनेजमेंट की क्षमता प्रदान करेगा। इन विमानों की सहायता से भारतीय सेना किसी भी खतरे को पहले से भांप सकेगी और सटीक कार्रवाई कर सकेगी।

I-STAR विमान की प्रमुख खूबियाँ

1 .हवा से जमीन पर निगरानी: ये विमान हजारों फीट की ऊंचाई से दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं।

2 .रात-दिन सक्रिय ऑपरेशन: दिन हो या रात, खराब मौसम हो या दुर्गम इलाके—यह विमान हर परिस्थिति में जानकारी जुटाने में सक्षम है।

3 .लार्ज स्टैंड-ऑफ रेंज: I-STAR विमान ऐसी दूरी से भी निगरानी कर सकता है जहां वह खुद खतरे से बाहर रहे।

4 .कॉमन ऑपरेटिंग पिक्चर (COP): सेना को एकीकृत और स्पष्ट जानकारी मिलती है जिससे रणनीतिक फैसले लेने में मदद मिलती है।

5 .इंटेलिजेंस प्रोसेसिंग सिस्टम: विमान में लगे एडवांस्ड सिस्टम खुफिया जानकारी को प्रोसेस कर तुरंत actionable insights प्रदान करते हैं।

क्यों घबराए चीन और पाकिस्तान?

भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान इस सैन्य बदलाव से निश्चित रूप से चिंतित होंगे। जहां चीन अपनी सीमाओं पर गतिविधियों को छिपाने की कोशिश करता है, वहीं पाकिस्तान की हरकतों पर लगातार नजर रखना भारतीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। I-STAR जैसे जासूसी विमान भारतीय वायुसेना को “नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर” में अग्रणी बनाएंगे और दुश्मन की हर चाल को पहले ही पकड़ने में मदद करेंगे।

0 comments:

Post a Comment