ब्रह्मोस से लैस होगी भारतीय पनडुब्बी, समुद्र से सीधा वार

नई दिल्ली। भारत की समुद्री ताकत को एक नया आयाम मिलने जा रहा है। अब देश की नई पीढ़ी की पनडुब्बियाँ, 'प्रोजेक्ट 75-इंडिया' (P-75I) के तहत, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस-एक्सटेंडेड रेंज (ER) से लैस होंगी। ये मिसाइलें वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) के ज़रिए पानी के भीतर से दागी जा सकेंगी, जिससे भारतीय नौसेना को "छिपे रहकर हमला" (Stealth Strike) की ताकत मिलेगी।

क्या है प्रोजेक्ट 75I?

P-75I भारत की एक प्रमुख रक्षा परियोजना है, जिसके तहत छह आधुनिक पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियाँ बनाई जाएंगी। इन पनडुब्बियों के लिए जर्मनी की कंपनी थायसनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) को चुना गया है, जो U-214NG डिजाइन पर आधारित पनडुब्बियाँ बनाएगी। मूल रूप से इस डिजाइन में VLS शामिल नहीं था, लेकिन भारत की सामरिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए TKMS द्वारा बदलाव किए जा रहे हैं।

क्यों खास हैं ये पनडुब्बियाँ?

इन पनडुब्बियों में कम से कम 8 वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल होंगे, जिससे ब्रह्मोस-ER मिसाइल दागी जा सकेगी। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व CEO डॉ. सुधीर मिश्रा के अनुसार, यह बदलाव भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में रणनीतिक बढ़त देगा।

ब्रह्मोस-ER की ताकत

रेंज: 800 किलोमीटर – यह सामान्य ब्रह्मोस मिसाइल से लगभग दो गुना ज्यादा दूरी तक हमला कर सकती है।

स्पीड: 2.8 मैक – यानी आवाज की गति से करीब तीन गुना तेज़।

लक्ष्य: यह दुश्मन के युद्धपोतों, समुद्र किनारे के सैन्य ठिकानों और अन्य सामरिक संरचनाओं को निशाना बना सकती है।

नेविगेशन सिस्टम: इसमें सैटेलाइट गाइडेंस और एडवांस रडार सेंसर लगे हैं, जिससे यह बेहद सटीक निशाना लगा सकती है।

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