1. पीढ़ी और तकनीक:
राफेल एक 4.5वीं पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर है, जिसे विभिन्न युद्ध अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। वहीं, जे-20 चीन का 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर है, जो रडार की पकड़ से बचने की विशेष तकनीक से लैस है। इसका मतलब है जे-20 स्टेल्थ तकनीक में राफेल से आगे है।
2. स्टेल्थ क्षमताएं:
जे-20 को पूरी तरह से स्टेल्थ विमान माना जाता है, जो दुश्मन के रडार से छिप कर मिशन पूरा कर सकता है। इसके मुकाबले, राफेल की स्टेल्थ क्षमता सीमित है और यह मुख्य रूप से अपनी गति और हथियार क्षमता पर भरोसा करता है।
3. गति और उड़ान प्रदर्शन:
राफेल की अधिकतम गति लगभग Mach 1.8 (2222 किमी/घंटा) है, जबकि जे-20 तेज उड़ान भरता है और इसकी गति Mach 2.0 (लगभग 2470 किमी/घंटा) तक पहुंचती है। इसका मतलब जे-20 में राफेल से थोड़ी बेहतर गति है।
4. मिसाइल और हथियार प्रणाली:
राफेल में मेटियोर जैसी लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगाई जाती हैं, जो 150 किमी से ज्यादा दूरी तक निशाना साध सकती हैं। वहीं, जे-20 में PL-15 जैसी मिसाइलें हैं जिनकी मारक दूरी 200 किमी तक मानी जाती है, जो इसे लंबी दूरी से हमला करने में सक्षम बनाती हैं।
5. इंजन तकनीक:
राफेल फ्रांसीसी इंजन Snecma M88 पर चलता है, जो विश्वसनीय और स्थापित तकनीक है। इसके विपरीत, जे-20 चीन के घरेलू WS-10 इंजन पर निर्भर है, जो अभी भी कई परीक्षणों के दौर से गुजर रहा है और इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहते हैं।
6. युद्ध अनुभव:
राफेल को कई देशों में वास्तविक युद्ध क्षेत्र में आजमाया जा चुका है, जिससे इसके प्रदर्शन और रणनीतियों की पुष्टि हो चुकी है। जबकि जे-20 अभी तक किसी बड़े युद्ध या टकराव में हिस्सा नहीं ले पाया है, इसलिए इसका वास्तविक युद्ध अनुभव सीमित है।
7. इलेक्ट्रॉनिक और रडार सिस्टम:
राफेल में उन्नत RBE2 AESA रडार और SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक डिफेंस सिस्टम लगा है, जो उसे दुश्मन के हमलों से बचाने और लक्ष्य पहचान में मदद करता है। जे-20 के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर बहुत जानकारी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह घरेलू तकनीक पर आधारित है और निरंतर विकास में है।
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