कैसे तय होता है ब्लड ग्रुप?
हर व्यक्ति को ब्लड ग्रुप माता-पिता से अनुवांशिक रूप में मिलता है। आमतौर पर चार तरह के ब्लड ग्रुप होते हैं – A, B, AB और O। ये ग्रुप ब्लड की सतह पर मौजूद खास तरह के शुगर और प्रोटीन (एंटीजन) के आधार पर तय होते हैं। साथ ही, Rh फैक्टर (Positive/Negative) से यह तय होता है कि खून में Rh एंटीजन मौजूद है या नहीं।
स्टडी में क्या निकला सामने?
2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट (BMC Cancer) के अनुसार, ब्लड ग्रुप A और AB वाले लोगों में पेट के कैंसर का खतरा अधिक पाया गया। इस स्टडी में यह खुलासा हुआ कि ब्लड ग्रुप A वालों में पेट के कैंसर का खतरा 13% ज्यादा था। जबकि ब्लड ग्रुप AB वालों में यह खतरा 18% तक पाया गया। दूसरी स्टडीज़ में A ब्लड ग्रुप से जुड़े लोगों में कैंसर रिस्क 19% तक बढ़ा हुआ पाया गया। वहीं O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को इस तरह के कैंसर का खतरा तुलनात्मक रूप से कम होता है।
ब्लड ग्रुप और कैंसर के बीच कनेक्शन
यह बात साफ़ है कि ब्लड ग्रुप अपने आप में कैंसर का कारण नहीं होता, लेकिन यह शरीर की सूजन से निपटने की क्षमता, सेल कम्युनिकेशन, और इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए: ब्लड ग्रुप A वाले लोगों में पेट में एसिड का प्रोडक्शन कम होता है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं। Helicobacter pylori नामक बैक्टीरिया, जो पेट के कैंसर का एक प्रमुख कारण है, A ब्लड ग्रुप वाले लोगों में अधिक सक्रिय पाया गया है।
Helicobacter Pylori और पेट का कैंसर
ये बैक्टीरिया पेट की अंदरूनी परत में सूजन पैदा करते हैं और लंबे समय तक रहने पर कैंसर का कारण बन सकते हैं। रिसर्च में पाया गया कि: A ब्लड ग्रुप वाले लोग Helicobacter pylori से जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। AB ब्लड ग्रुप वाले लोगों में, अगर ये बैक्टीरिया मौजूद हो तो पेट का कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
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