योजना का उद्देश्य और महत्व
बकरी पालन योजना का मूल उद्देश्य पशुपालन को प्रोत्साहन देना, ग्रामीण आजीविका को सशक्त करना, किसानों की आय में वृद्धि करना और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। सरकार का मानना है कि बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। खासकर सीमांत किसान, महिलाएं और स्वयं सहायता समूह इस योजना के जरिए आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
योजना को राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत लागू किया गया है।
100 से 500 बकरियों की यूनिट लगाने पर अनुदान उपलब्ध।
50% तक सब्सिडी सरकार द्वारा दी जा रही है।
लाभार्थी को 20 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का बैंक लोन।
आसान व कम मासिक किस्तों में ऋण चुकाने की सुविधा।
महिला समूह, कृषक समूह, और धारा 8 के तहत पंजीकृत संस्थाएं भी आवेदन कर सकती हैं।
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए। साथ ही, पशुपालन का प्रशिक्षण प्राप्त होना आवश्यक है। जरूरी दस्तावेजों में शामिल हैं: आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक और पासपोर्ट साइज फोटो, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, जमीन के दस्तावेज या लीज एग्रीमेंट, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR), बैंक की सहमति (यदि लोन लिया गया है)
श्रेणियां और सब्सिडी
सरकार ने योजना को 5 श्रेणियों में विभाजित किया है। उदाहरण के लिए: 100 बकरियों की यूनिट पर 5 बीजू बकरे, 200 बकरियों की यूनिट पर 10 बीजू बकरे। यदि परियोजना की लागत ₹50 लाख है, तो सरकार ₹25 लाख की सब्सिडी दे सकती है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन के लिए: आधिकारिक वेबसाइट https://nlm.udyamimitra.in पर जाएं, पोर्टल पर पंजीकरण करें और “Goat Farming Scheme” चुनें, आवश्यक जानकारी भरकर दस्तावेज़ अपलोड करें और सबमिट करें, DPR की जांच के बाद बैंक और विभाग से मंजूरी प्राप्त होगी
ऑफलाइन आवेदन के लिए:
जिला पशुपालन विभाग से संपर्क करें, आवेदन फॉर्म लेकर सभी दस्तावेज़ संलग्न कर जमा करें, विभाग द्वारा निरीक्षण के बाद आवेदन स्वीकार किया जाएगा।
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