1. MQ-9 Reaper (अमेरिका)
अमेरिका का MQ-9 Reaper दुनिया का सबसे घातक और बहुउपयोगी ड्रोन माना जाता है। इसे जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स ने विकसित किया है। पहले यह सिर्फ निगरानी और खुफिया जानकारी के लिए उपयोग होता था, लेकिन अब इसे हथियारों से लैस किया जा चुका है। MQ-9 सटीक स्ट्राइक क्षमता, लंबी दूरी और ऊंची उड़ान भरने की क्षमता के कारण युद्धक्षेत्र में अमेरिका की प्रमुख ताकत बन चुका है। भारत ने अमेरिका से 31 MQ-9B ड्रोन खरीदने का सौदा किया है।
2. RQ-4 Global Hawk (अमेरिका)
दूसरे स्थान पर फिर से एक अमेरिकी ड्रोन है – RQ-4 Global Hawk। इसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने बनाया है। यह ड्रोन बेहद ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है और 30 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। इसका उपयोग खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही (ISR) कार्यों के लिए किया जाता है। यह अमेरिका की वैश्विक सैन्य रणनीति का अहम हिस्सा है।
3. Bayraktar TB2 (तुर्की)
तुर्की का Bayraktar TB2 ड्रोन अपनी प्रभावशाली क्षमताओं और किफायती लागत के कारण वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हुआ है। इसे Baykar Makina द्वारा विकसित किया गया है। यह ड्रोन सीरिया, अजरबैजान और यूक्रेन के युद्धों में अपनी उपयोगिता साबित कर चुका है। इसकी सफलता ने तुर्की को UAV तकनीक में एक वैश्विक खिलाड़ी बना दिया है।
4. CH-5 Rainbow (चीन)
CH-5 Rainbow चीन का उन्नत हथियारयुक्त ड्रोन है जिसे चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन (CASC) ने बनाया है। इसकी डिज़ाइन अमेरिकी ड्रोन MQ-9 Reaper से मिलती-जुलती है। यह 60 घंटे तक उड़ान भर सकता है और 1000 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकता है। यह चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
5. Hermes 900 (इज़रायल)
इज़रायल लंबे समय से ड्रोन टेक्नोलॉजी में अग्रणी रहा है, और Hermes 900 इसका बेहतरीन उदाहरण है। इसे Elbit Systems ने तैयार किया है। यह ड्रोन निगरानी, टार्गेट ट्रैकिंग और सटीक हमले करने में सक्षम है। इसकी मल्टी-रोल क्षमताओं के कारण इसे कई देशों ने अपनी सेनाओं में शामिल किया है। भारत के पास Hermes 900 ड्रोन हैं। यह ड्रोन Adani Defence और Israel की Elbit Systems द्वारा भारत में ही बनाया जा रहा है।
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