क्या है बदलाव?
पूर्ववर्ती व्यवस्था में ग्राम विकास अधिकारी का स्थानांतरण केवल एक ही जिले के भीतर हो सकता था, अर्थात् एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक तक ही सीमित था। लेकिन नई नियमावली में अब यह पद राज्य स्तरीय कर दिया गया है, जिससे अब इनका स्थानांतरण उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में किया जा सकेगा।
नए नियमों के मुख्य बिंदु:
राज्य स्तरीय कैडर: अब ग्राम विकास अधिकारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ अराजपत्रित सेवा के अंतर्गत राज्य स्तरीय कर्मचारी होंगे। स्थानांतरण का अधिकार अब राज्य स्तरीय अधिकारियों के पास होगा।
शैक्षिक अर्हता में बदलाव: पहले केवल विज्ञान या कृषि विषय के साथ इंटरमीडिएट की योग्यता मांगी जाती थी। अब इसे संशोधित कर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी विषय में इंटरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा को पात्रता बना दिया गया है।
कंप्यूटर दक्षता: ग्राम विकास अधिकारी पद हेतु NIILIT द्वारा जारी CCC (कोर्स ऑन कंप्यूटर कॉन्सेप्ट्स) प्रमाणपत्र अब अनिवार्य कर दिया गया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
1980 में “उप्र ग्राम्य विकास (ग्राम सेवक) सेवा नियमावली” लागू की गई थी। 1981 में एक आदेश द्वारा "ग्राम सेवक" का नाम बदलकर "ग्राम विकास अधिकारी" कर दिया गया, लेकिन नियमावली में पुराने पदनाम का ही प्रयोग होता रहा। अब 2025 में आई नई नियमावली ने इस पद को आधुनिक संदर्भों और आवश्यकताओं के अनुरूप रूपांतरित कर दिया है।
0 comments:
Post a Comment