भारत की वायुसेना को आधुनिक और ताकतवर लड़ाकू विमानों की जरूरत लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत को अपनी वायुसेना में कम से कम दो से तीन स्क्वाड्रन पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35 विमान दोनों प्रमुख दावेदार बने हुए हैं।
भारत में Su-57 निर्माण के लिए रूस की योजना
रूस ने भारत में Su-57 के उत्पादन के लिए आवश्यक निवेश के स्तर का अध्ययन शुरू कर दिया है। यह कदम भारत में रूसी मूल के विमान और उपकरणों के निर्माण को ध्यान में रखकर उठाया गया है। भारत में पहले से ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नासिक संयंत्र में Su-30 MKI विमानों का लाइसेंस निर्माण होता है। ऐसे में Su-57 के उत्पादन के लिए इसी संयंत्र या अन्य मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे उत्पादन लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी।
रक्षा संबंधों की मजबूती के बीच अमेरिका का विरोध
यह प्रस्ताव खास तौर पर तब आया है, जब अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाया है और दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ा है। अमेरिकी प्रशासन ने भारत के रूस के साथ आर्थिक और रक्षा संबंधों को लेकर आलोचना भी की है। इसके बावजूद भारत ने अपनी रक्षा नीतियों में संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया है।
पुरानी परियोजना को फिर से जीवित करने की संभावना
भारत और रूस के बीच Su-57 परियोजना पर पहले भी बातचीत हो चुकी है। लगभग आठ-दस साल पहले भारत इस पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान परियोजना का हिस्सा था, लेकिन कुछ कारणों से यह आगे नहीं बढ़ पाई। आज के वैश्विक संदर्भ में, दोनों पक्ष इस पुरानी परियोजना को पुनः सक्रिय करने पर विचार कर रहे हैं।
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