यूपी में नया एक्सप्रेस-वे होगा शुरू, कई जिलों के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ने जा रही है। लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रियों की सबसे बड़ी समस्या अत्यधिक ट्रैफिक और लंबा सफर अब बीते दिनों की बात होने वाली है। लखनऊ-कानपुर के बीच बन रहे नए एक्सप्रेसवे का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, और सितंबर माह से इस पर ट्रैफिक का संचालन शुरू होने की संभावना है।

लखनऊ से कानपुर महज 40 मिनट में

अब तक लखनऊ से कानपुर की लगभग 95 किलोमीटर की दूरी तय करने में 2.5 से 3 घंटे लगते थे, खासकर व्यस्त ट्रैफिक और खराब रोड कंडीशन के चलते। लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के शुरू होते ही यह दूरी महज 40 मिनट में तय की जा सकेगी। एलिवेटेड रोड और ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का बेहतरीन संयोजन इस तेज रफ्तार यात्रा को संभव बनाएगा।

एक्सप्रेसवे की खासियतें

एलिवेटेड रूट: 18 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड सेक्शन लखनऊ शहर से बाहर निकलने में मदद करेगा। यह हिस्सा सरोजनीनगर, बंथरा और जुनाबगंज जैसे ट्रैफिक-जाम वाले क्षेत्रों को बायपास करेगा, जिससे वाहन बिना रुके तेजी से आगे बढ़ सकेंगे।

ग्रीनफील्ड सेक्शन: लगभग 45 किलोमीटर की नई सड़क खेतों और खाली ज़मीन से होकर गुजरेगी, जिसे बिल्कुल नए सिरे से बनाया गया है।

इंफ्रास्ट्रक्चर: इस पूरे प्रोजेक्ट में 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और 6 फ्लाईओवर शामिल हैं। इससे न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।

शुरुआती चरण में हल्के वाहनों की इजाजत

एनएचएआई के परियोजना निदेशक कर्नल शरद सिंह के अनुसार, शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे पर केवल हल्के वाहन जैसे कार और बाइक ही दौड़ सकेंगे। यह एक तरह से परीक्षण होगा ताकि सुरक्षा और संचालन में किसी तरह की बाधा न आए। उम्मीद है कि वाहन यहां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे, जिससे यात्रा का अनुभव न केवल तेज, बल्कि आरामदायक भी होगा।

स्थानीय जिलों के लिए वरदान

यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ लखनऊ और कानपुर को करीब लाएगा, बल्कि इसके आसपास के क्षेत्रों जैसे सरोजनीनगर, बंथरा, जुनाबगंज आदि को भी विकास की नई रफ्तार देगा। व्यापार, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कनेक्टिविटी का यह नया जरिया इन जिलों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।

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