योजना की पृष्ठभूमि और लाभ
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत अब तक 36.56 लाख से अधिक आवास वितरण किए जा चुके हैं। हालांकि, कई ऐसे लाभार्थी थे जिनका नाम पहली सूची में शामिल नहीं हो पाया। उन्हें भी लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) शुरू की। इस योजना के माध्यम से अब तक 3.73 लाख से ज्यादा आवास मंजूर किए गए हैं।
विशेष वर्गों को विशेष प्राथमिकता
इस योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह उन समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों के लिए भी लाभकारी है, जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हैं या जिन्हें सामाजिक एवं आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसमें कुष्ठरोग प्रभावित, वनटांगिया, मुसहर, कोल, सहरिया, थारू, नट, चेरो, पछइया, लोहार, गढ़इया, बैगा जैसे जाति और समुदायों के लोग शामिल हैं। इसके अलावा, दिव्यांगजन और पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिलाओं को भी इस योजना में प्राथमिकता दी गई है।
निराश्रित महिलाओं के लिए बढ़ाई गई आयु सीमा
निराश्रित महिलाओं के लिए योजना को और अधिक सशक्त बनाने के लिए उनकी आयु सीमा भी बढ़ा दी गई है। पहले जहां यह आयु सीमा 18 से 40 वर्ष थी, अब इसे 18 से 50 वर्ष कर दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें और अपने जीवन को बेहतर बना सकें।
इस योजना से ग्रामीण जीवन में आएगा सकारात्मक बदलाव
इस योजना के लागू होने से न केवल ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को पक्के मकान मिलेंगे, बल्कि इससे उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। पक्का मकान सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक होता है, जो कि किसी भी परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। सुरक्षित आवास मिलने से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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