बिहार में बंटवारे वाली जमीन को लेकर सरकार की सलाह

पटना। अगर आप बिहार में जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन खरीदने वालों को विशेष रूप से बंटवारे वाली जमीन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। विभाग का कहना है कि यदि जमीन का वैध बंटवारा और जमाबंदी नहीं हुआ है, तो भविष्य में कानूनी विवाद में फंसने की पूरी आशंका हो सकती है।

क्या कहा है विभाग ने?

राजस्व विभाग के मुताबिक, किसी भी जमीन की खरीदारी केवल उसी व्यक्ति से करें, जिसके नाम पर वैध जमाबंदी (दाखिल खारिज) दर्ज हो। खासतौर पर ऐसी जमीन, जो परिवार के बीच बंटी हो या बंटवारे की प्रक्रिया में हो, उसे खरीदने से पहले जमाबंदी रिकॉर्ड की अच्छी तरह जांच जरूरी है।

विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि जमीन का स्पष्ट बंटवारा नहीं हुआ है, तो ऐसी जमीन पर दाखिल खारिज का आवेदन अस्वीकृत किया जा सकता है। इससे खरीदार को भविष्य में कानूनी परेशानी और संपत्ति विवाद का सामना करना पड़ सकता है।

नई जमाबंदी पर हो खरीद

राजस्व विभाग की सलाह है कि जमीन की खरीद बंटवारे के बाद बने नई जमाबंदी रिकॉर्ड के आधार पर ही करें। इससे जमीन की कानूनी वैधता सुनिश्चित होगी और खरीदार को मालिकाना हक पाने में कोई बाधा नहीं आएगी।

क्यों जरूरी है यह एहतियात?

बिहार में कई परिवारों में संपत्ति का विभाजन मौखिक या आंतरिक सहमति के आधार पर होता है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी न होने पर विवाद की स्थिति बन जाती है। इसके कारण: जमीन का मालिकाना हक स्पष्ट नहीं रहता, दाखिल खारिज का आवेदन रद्द हो सकता है, कोर्ट में दीर्घकालिक मुकदमे चल सकते हैं, निवेशक की रकम फंस सकती है। 

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